10 सितम्बर को आयोजित होगा उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस,09 लाख बच्चों को दी जायेगी एल्बेंडाज़ाल की खुराक

जगदीश केशरवानी
बहराइच : उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 10 सितम्बर के अवसर पर जनपद के 01 से 19 वर्ष आयु वर्ग के कुल 08 लाख 94 हज़ार 828 बच्चों को डिवर्मिंग की दवाई दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अवसर पर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नामांकित, आंगनबाड़ी केन्द्रों में 01 से 06 वर्ष आयु वर्ग के पंजीकृत बच्चों, स्कूल न जाने वाले 06 से 19 वर्ष तथा आंगनबाड़ी पर गैर पंजीकृत 01 से 05 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को आच्छादित किया जायेगा। 

जनपद में 10 सितम्बर को आयोजित होने वाले उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के सम्बन्ध में विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डा. डीके सिंह ने बताया कि 01 से 19 साल के सभी बच्चों (लड़के और लड़कियों) को आंत में कृमि संक्रमण का खतरा बना रहता है। कृमि मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के ज़रूरी पोषक तत्वों को खाते हैं। सीएमओ ने बताया कि कृमि संक्रमण अस्वच्छता के कारण होता है, संक्रमित मिट्टी के सम्पर्क द्वारा कृमि संक्रमण संचारित होता है। कृमि की जितनी अधिक मात्रा (तीव्रता) होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने अधिक होंगे। कृमि संक्रमण बच्चों की पोषक सम्बन्धी स्थिति को कई प्रकार से हानि पहुचाता है। कृमि द्वारा पोषक ऊतकों जैसे रक्त से भोजन लेने से शरीर में खून की कमी हो जाती है इससे कुपोषण में वृद्धि होती है और शारीरिक विकास पर दुष्प्रभाव पड़ता है। शरीर में मौजूद गोलाकार कृमि आंत में विटामिन ए को अवशोषित कर लेते हैं। 
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सिंह ने बताया कि बच्चों की शिक्षा और लम्बे समय की कार्यक्षमता पर कृमि संक्रमण का प्रभाव पड़ता है। तीव्र कृमि संक्रमण के कारण बच्चे अक्सर बीमार या थके हुए रहते हैं और पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगा पाते या स्कूल/आगनबाड़ी केन्द्र भी नहीं जा पाते हैं। डा. सिंह ने बताया कि कृमि संक्रमण से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण भविष्य में उनकी कार्यक्षमता और औसत आयु में कमी आती है। 
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सिंह ने बताया कि कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेंडाज़ाल (400 एमजी) जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क उपलब्ध है। डा. सिंह ने बताया कि कृमि संक्रमण के इलाज के लिए एल्बेंडाज़ाल बच्चों व वयस्कों, दोनों के लिए एक सुरक्षित दवाई है और इसका प्रयोग दुनिया भर में करोड़ों लोगों में कृमि संक्रमण का इलाज करने के लिए किया जाता है। सीएमओ ने सुझाव दिया कि 01 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को आयु अनुसार ही खुराक दी जानी चाहिए। सीएमओ ने बताया कि 02 वर्ष तक के बच्चों को आधी तथा 02 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को एल्बेंडाज़ाल पूरी गोली की खुराक देनी चाहिए। बीमारी या अनुपस्थिति के कारण छूट गये बच्चों को माॅप उप दिवस पर दवाई खिलायी जायेगी। 
मुख्य विकास अधिकारी राकेश कुमार ने आईसीडीएस एवं शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के प्रभावशाली क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय सहयोग प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे। अभियान को सफल बनाये जाने के लिए उन्होंने समुदाय जागरूकता गतिविधियों जैसे प्रभात फेरी, अभिभावक टीचर तथा विद्यालय प्रबन्ध समिति की बैठकों में कृमि नियंत्रण के लाभ और कार्यक्रम आयोजन की तिथियों की जानकारी दी जाय। आशा के माध्यम से अधिक से अधिक गैर पंजीकृत और स्कूल न जाने वाले बच्चों को आगनबाड़ी के माध्यम से लाभान्वित किया जाय। 
मुख्य विकास अधिकारी ने सीएमओं को निर्देश दिया कि अभियान से पूर्व आवश्यक प्रशिक्षण तथा सभी लक्षित स्थलों पर दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय। श्री कुमार ने स्वास्थ्य, शिक्षा व आईसीडीएस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अभियान दिवस को यह सुनिश्चित कराया जाय कि टीचर और आगनबाड़ी कार्यकर्ता एल्बेंडाज़ाल की दवाई बच्चों को खुद ही अपने सामने ही खिलवायें। किसी भी बच्चे को दवा घर ले जाने के लिए न दी जाय। किसी भी चिकित्सकीय सहायता के लिए 108 नम्बर पर फोन करें। श्री कुमार सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया कि आशाओं के लम्बित देयकों का तत्काल भुगतान करा दिया जाय। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. अमर कान्त सिंह, डिप्टी सीएमओ डा. अनिल, डीएचईआईओ एके चैधरी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

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