नई दिल्ली । गुजरात में आंनदी बेन को मुख्यमंत्री पद से बेदखल करने के पीछे संघ की वह गुप्त रिपोर्ट है जो उसने गुजरात और यूपी में ज़मीनी हकीकत जानने के लिए अपने स्वयं सेवको के ज़रिये तैयार कराई है । सूत्रों के अनुसार संघ ने गुजरात और यूपी में एक सर्वे कराकर बीजेपी की ज़मीनी हकीकत का आंकलन तैयार कर बीजेपी को एक रिपोर्ट भेजी थी । सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट करीब 26 दिन पुरानी है ।
सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में बीजेपी को आगाह करते हुए कहा गया है कि उत्तर प्रदेश और गुजरात में लोग बीजेपी से कटते दिखाई दे रहे हैं । यदि बीजेपी जल्दी नही जागी तो सम्भावना है कि उत्तर प्रदेश और गुजरात में बीजेपी का सफाया हो जाएगा और उसे अपनी इज़्ज़त बचाना भी मुश्किल होगा । यही कारण है कि गुजरात में मुख्यमंत्री के तौर पर संघ की पहली पसंद खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह हैं । संघ को उम्मीद है कि अमित शाह को गुजरात का नेतृत्व सौंपने से हालात में बदलाव होगा ।सूत्रों के अनुसार संघ का मानना है कि गुजरात में दलितों पर हुए हमलो और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस द्वारा नयी रणनीति अपनाने से संघ और बीजेपी की पहले से तय रणनीति में बदलाव की आवश्यकता है । वहीँ संघ ने बीजेपी को यह भी सुझाव दिया है कि वह बड़ी तादाद में दलित सम्मेलनों का आयोजन करे और दलितों का बीजेपी से मोह भंग होने से रोके ।सूत्रों के अनुसार संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इस वर्ष ही गुजरात और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव करा दिए जाएँ तो बीजेपी का सफाया होना तय है । सूत्रों के अनुसार संघ मानता है कि आज के हालात में बीजेपी को गुजरात में सत्ता से हाथ धोने पड़ सकते हैं वहीँ उत्तर प्रदेश में बीजेपी चौथे पायदान पर खिसक सकती है ।
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यदि भाजपा सर्व समाज का आदर करे व सभी के हित के लिये सोचे ओर मुस्लिम व दलितो का उत्पीडन करना छोड दे तथा भाजपा के कुछ नेता जो मुसलमानो के विरुध जहर उगलते है पर रोक लगा दे तो भाजपा मजबूती की ओर बढ सकती है। क्योकि भाजपा के आधे से ज्यादा नेता मुसलमान व दलितो के हितैसी है यह मेरा मानना है। सरवर अली अंसारी गंगेरु कॉधला शामली उत्तर प्रदेश