पैसा लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का लगा आरोप
आफताब फारूकी।
इलाहाबाद। मारपीट के दौरान घायल एक वृ़द्ध की बुधवार की रात स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में मौत हो गयी। सारे नियम कानून को ताख पर रखकर शव उसके परिजनों को शौप दिया। हद तो तब हो गयी जब पीड़ित से नोट लेकर मृत्यु प्रमाण जारी कर दिया। इस राज का खुलासा उस समय हुआ जब कौधियारा थाने की पुलिस ने शव लेकर चीरघर पहुंची।
बतादें कि कौंधियारा थाना क्षेत्र के लहबरा गांव के निवासी धनईराम (७५) की पत्नी की मौत हो चुकी थी। उसके तीन बेटे थे। उनमें भी दो की मौत हो चुकी है। एक बेटा मालाधारी बचा है जो उसकी देखरेख करता था। धनईराम उसी के साथ रहता था और गांव में मोची का काम करता था। करौंदा तोड़ने को लेकर हुए विवाद को लेकर 28 जुलाई को पड़ोसियों ने धनईराम को बुरी तरह से मारपीट करके घायल कर दिया। घटना के बाद परिवार के लोग उपचार के लिए पहले किसी निजी अस्पताल में दाखिल कराया। जहां से उसके परिवार के लोग स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में 31 जुलाई को भर्ती कराया। लेकिन उसकी उपचार के दौरान बुधवार की रात हो गयी। आकस्मिक कक्ष में मौजूद चिकित्सकों ने आपराधिक मामले में मृत वृद्ध के शव को परिजनों को शौप दिया और पैसा लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। परिवार के लोग शव लेकर चुपचार गांव चले गये। गुरूवार की सुबह सूचना पर सक्रिय हुई पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर चीरघर भेज दिया। इस सम्बन्ध में जानकरी देते हुए मृतक के बेटे मालाधारी ने बताया कि उसके पिता ने घर के पास करौंदे का पेड़ लगाया था। २८ जुलाई को गांव के ही रहने वाले रामकीर्तन पुत्र शिवसरन के घर के बच्चे करौंदा तोड़ रहे थे। धनईराम ने देखा तो उन बच्चों को डांटकर भगा दिया। इसी से खफा रामकीर्तन, उसके भाई रामजी व जीतलाल उसके घर पर चढ़ गये और धनईराम को लात घुसों तथा लाठी से इतना पीटा कि वह अधमरा हो गया। बेटे ने घायल पिता को एसआरएन अस्पताल में लाकर भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान बुधवार की रात दो बजे उसकी मौत हो गयी। मालाधारी के मुताबिक एसआरएन अस्पताल के डाक्टर ने उससे १५०० रुपये लिये और मृत्यु प्रमाण पत्र देकर शव परिजनों को सौंप दिया। जब घर पहुंचा तो गांव वालों ने बताया कि उसे पुलिस को सूचना देनी चाहिए। उसने गुरूवार को पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची कौंधियारा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया।