जयपुर। अब्दुल रज़्ज़ाक। नगर निगम की हिंगोनिया गौशाला में गायों की लगातार मौत होने पर हाई कोर्ट सख्त हो गया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में नगर निगम की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए अफसरों को फौरन गौशाला का मुआयना करने का आदेश भी दिया। इसके बाद ही अफसरों में हड़कंप मच गया। हिंगोनिया गौशाला में पिछले कुछ अरसे से गायों की देखभाल में अफसरों की लापरवाही सामने आ रही थी।
गौशाला में गायों की मौत के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में एसओजी के आइजी दिनेश एमएन और निगम आयुक्त हेमंत गेरा मौजूद थे। अदालत ने आइजी को गौशाला जाकर मौका मुआयना करने का निर्देश दिया। उनसे वहां जाकर पूरे हालात का जायजा लेने को भी कहा गया। अदालत आइजी के साथ ही निगम अधिकारियों, याचिकाकर्ता के वकील पूनम चंद भंडारी और अन्य संबंधित विभागों के अफसरों को भी गौशाला का मुआयना करने का आदेश दिया।
अदालत की सख्ती के बाद एडवोकेट जनरल एनएम लोढ़ा ने भी हिंगौनिया गौशाला जाकर हालात देखने की बात कही है। उन्होंने बताया कि वे भी जाकर सारे हालात और निगम के काम को देखेंगे। नगर निगम गायों के लिए क्या व्यवस्था कर रहा है और किस स्तर पर कमियां हैं, इसका पता लगा कर पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। हाई कोर्ट और राज्य सरकार को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
जयपुर में लगातार बारिश होने से नगर निगम गौशाला में मिट्टी डलवा रहा है, इससे वहां कीचड़ भी हो गया है। कीचड़ रहने के कारण वहां पिछले कुछ दिनों में ही करीब सौ गायों की मौत हो गई है। गौशाला में हुआ कीचड़ बीमार और बूढी गायों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। चारे पानी की कमी से कमजोर हो चुकी गायों के लिए भारी बारिश झेल पाना कठिन बना हुआ है। कीचड़ को दबाने के लिए अब निगम प्रशासन वहां सूखी मिट्टी डलवा रहा है।
गौशाला में गायों की मौत पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गाय पर राजनीति करने और देश भर में छद्म गौभक्ति का झूठा माहौल बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी के खुद के शासित प्रदेश में गाय के साथ जो हो रहा है वह बेहद निंदनीय है। गौमाता के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा के शासन काल में गायों की वास्तविक स्थिति बेहद चिंतनीय है। गहलोत ने फेसबुक पर लिखा- हिंगोनिया गौशाला गायों के लिए गौशाला के बजाय कत्लगाह बन गई है।
एक तरफ गौरक्षा के नाम पर भारतीय जनता पार्टी और उससे जुडे़ संगठनों ने देशभर में ऐसा माहौल बना रखा है जिससे लोगों मेंं मरी गाय को उठाने तक को लेकर भय बना हुआ है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी शासित राजस्थान में पिछले लंबे समय से गाय मौत का शिकार हो रही हैं। गहलोत ने लिखा है कि बडी संख्या में गायों के तड़प-तड़प कर मरने की यह पहली घटना नहीं है। पहले भी मैंने खुद चारे-पानी, चिकित्सा और देखरेख के अभाव में गायों की मौत और मृत गायों के शवों को कुत्तों द्वारा नोचे जाने की खबरों के बारे में सरकार को आगाह किया था, लेकिन स्थिति जस की तस है। महज दो दिन में 90 गाय और दो हफ्तों में 500 गायों की मौत हुई है।