- 20 रुपये न देने पर मासूम को जिला चिकित्सालय स्टाफ ने नही लगाया इंजेक्शन जिससे एक मासूम ने अपनी माँ की गोद में तड़प कर दम तोड़ा।
नूर आलम वारसी।
बहराइच : जिला अस्पताल के स्टाफ ने मानवता पर कलंक लगाने का काम किया। महज 20 रुपये के लिए स्टाफ ने गरीब मां के बच्चे को इंजेक्शन नहीं लगाया। टाइम से इलाज न मिलने पर बच्चे ने मां की गोंद में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया :स्टाफ ने कहा-सुबह पैसा मिलेगा तो सुबह ही इंजेक्शन लगाएंगे
बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र की सुमिता अपने नौ महीने के बच्चे कृष्णा को बीमार होने पर सात अगस्त को जिला अस्पताल लाई। हालत गंभीर देख चिकित्सक ने बच्चे को भर्ती किया। इलाज के बाद हालत में कुछ सुधार हुआ। चिकित्सक ने रात के लिए एक इंजेक्शन लिखा था। जब मां ने स्टाफ से इंजेक्शन लगाने के लिए कहा तो उसने 20 रुपये मांगे। जब मां ने कहा कि इस समय नहीं हैं तो स्टाफ ने कहा कि तो इंजेक्शन भी सुबह लगेगा। जबकि इंजेक्शन लगना बहुत जरूरी था। इस बीच हालत बिगड़ने पर मंगलवार की सुबह बच्चे की मौत हो गई। जब गरीब मां की गोद में ही मासूम बच्चे की मौत हो गई। वजह अवैध वसूली की निकली तो अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदार भड़क उठे। उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। जिला अस्पताल के सीएमएस ओपी पांडेय ने घटना पर जांच बैठा दी है सबसे चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि वार्ड में इंजेक्शन लगाने का काम डॉक्टरों ने चतुर्थश्रेणी संविदा कर्मी पवन को सौंप रखा था जबकि ट्रेंड स्टाफ ही इंजेक्शन लगा सकता था। हंगामा मचने के बाद संविदाकर्मी को अस्पताल की सेवा से हटा दिया गया है।
बड़े ही अफ़सोस की बात है की इस तरह की घटना ये साफ़ जाहिर है की इंसान की जिन्दगी की कोई कीमत नही चन्द पैसों के लिए इस इंसान ही इंसान के लिए हैवान बन गया है।