अंजनी राय
बलिया में धरना दे रहे भाजपा विधायक उपेंद्र तिवारी के काफिले में गोली चलने से एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। गोली चलने से भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। घटना नरही थाने के बाहर के बाहर की है। कार्यकर्ता की मौत के बाद पुलिस ने फेफना विधायक उपेंद्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना उस वक्त हुई जब नरही थाने की पुलिस ने गोवंश ले जाते एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। विधायक इस गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। विधायक तिवारी का कहना था कि वो व्यक्ति एक किसान है और गोवंश अपने लिए ले जा रहा था।
जबकि पुलिस का कहना है कि आरोपी पूर्व में भी गोवंश तस्करी में सम्मिलित रहा है और उसको साक्ष्यों के आधार पर पकड़ा गया है। जबकि विधायक ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। इस घटनाक्रम में विधायक थाने पर धरना दे रहे थे, इसी दौरान गोली चलने की बात निकल कर सामने आ रही है।
घटना रात 10 बजे की है। धरना समाप्त करने के लिए पुलिस पर बल प्रयोग का भी विधायक आरोप लगा रहे है। उनका कहना है कि भीड़ उग्र होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज की गई इसी बीच गोलियां चलने की आवाज आई। गोली लगने से 33 वर्षीय विनोद राय नाम के व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं पुलिस अधीक्षक ने लाठीचार्ज व फायरिंग की घटना से इन्कार किया है। पुलिस ने विधायक को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। मौके पर सुरक्षा का पुख्ता इंतज़ाम है।
यहाँ बड़ा प्रश्न अभी भी खड़ा है कि एक तरफ तो भाजपा गौ रक्षा पर ज़ोर दे रही है वही दूसरी ओर गौवंश तस्करी के आरोपी के समर्थन में भाजपा विधायक द्वारा धरना प्रदर्शन और थाना घेराव किया जा रहा है। यदि विधायक को पुलिस की कहानी पर शंका थी और उनको पूरा विश्वास आरोपी पर था तो इस प्रकरण को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में डाल कर उसकी निष्पक्ष जांच की मांग करनी चाहिए थी, न कि आरोपी को स्वयं क्लीनचिट प्रदान करना चाहिए था।