फारूख हुसैन
लखीमपुर (खीरी) निघासन के ग्राम मंझिलीपुरवा में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक व्यक्ति की मौत हो गई। परिवार वालों ने शिकायत पुलिस से की है ।निघासन क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से पांच महीने में सात मौत हो चुकी हैं। बिना रजिस्ट्रेशन ढखेरवा में चल रहे एक अस्पताल में दो माह पहले प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी। इस मामले में शिकायत के बाद भी सीएमओ ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
गांव मंझिलीपुरवा निवासी हरफूल ने बताया कि उनका 36 वर्षीय पुत्र कमलेश यादव कई दिनों से बुखार से पीड़ित था। मेडिकल से दवा ली, लेकिन उसे कोई फायदा नहीं हुआ। शुक्रवार शाम उन्होंने गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर से संपर्क किया। जिस पर झोलाछाप डॉक्टर दवा देने के लिए उसके घर पर आया। आरोप है कि तेज बुखार होने के बाद भी डॉक्टर ने कमलेश को ग्लूकोस की बोतल चढ़ा दी जिसके कारण रात में उसकी तबियत बिगड़ गई और शनिवार की सुबह कमलेश की मौत हो गई। परिवार वालों ने इसकी शिकायत पुलिस से कर शव का अंतिम संस्कार कर दिया। एसओ मनोज सिंह ने घटना की जानकारी से इंकार किया है। क्षेत्र के गांव रानीगंज, लुधौरी, जौखीपुरवा, मूडा, बम्हनपुर, रकेहटी, झंडी में पांच माह में अब तक सात लोगों की जान झोलाछाप डॉक्टर ले चुके हैं।
सीएचसी प्रभारी निघासन लालजी पासी से इस संबंध में पूछने पर उन्होंने कहाकि झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मौत का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि शिकायत हुई तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। तेज बुखार में ग्लूकोज नहीं चढ़ाना चाहिए था।