गाजीपुर। अव्वल तो सियासत में कुछ भी संभव। दूसरे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का हैरान करने वाला कदम अप्रत्याशित नहीं रहता। अब सोमवार को अचानक चर्चा तेज हो गई कि अंसारी बंधुओं का सपा में एक बार फिर विलय होगा। इस चर्चा को और हवा तब मिली जब अचानक अफजाल अंसारी अपने आवास फाटक मुहम्मदाबाद से दोपहर लखनऊ के लिए रवाना हुए। हालांकि कौएद के नेता, कार्यकर्ता इस मसले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं लेकिन चर्चा यही है कि इस बार सपा सुप्रीमो खुद कौएद के सपा में विलय का एलान करेंगे।
मालूम हो कि बीते 21 जून को सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में कौएद के विलय की घोषणा की थी। कहे थे कि यह विलय पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की सहमति के बाद हो रहा है। तब मौके पर कौएद अध्यक्ष अफजाल अंसारी तथा विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी मौजूद थे लेकिन पांचवें दिन 25 जून को सपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में वह विलय रद कर दिया गया था। बात आई थी कि मुख्य मंत्री अखिलेश यादव उस विलय के पक्ष में नहीं थे। उनके दबाव में विलय रद करने का फैसला हुआ था। विलय रद होने पर कौएद में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। कौएद अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने सीधे अखिलेश यादव पर हमला बोला था लेकिन उसके बाद अफजाल अंसारी सपा को लेकर एक तरह से चुप्पी साध लिए। बात आई कि शिवपाल यादव ने उन्हें फिलहाल सब्र बनाए रखने को कहा है। बावजूद रविवार को मुहम्मदाबाद में दल के हुए स्थापना दिवस पर अफजाल अंसारी ने कानून-व्यवस्था के सवाल पर अखिलेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया लेकिन इसी बीच अब फिर से कौएद के सपा में विलय की बात आ गई। आखिर यह कैसे हुआ। इसका असल जवाब तो बाद में मिलेगा लेकिन पता चला है कि इस विलय के पीछे कौएद विधायक मुख्तार अंसारी हैं। सपा नेताओं ने उनसे संपर्क किया और एक बार फिर विलय की बात शुरू हुई। उसी क्रम में मुख्तार ने अपने दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर विलय के लिए दबाव बनाना शुरू किया। इसकी पुष्टि के लिए पत्रकारों ने अफजाल अंसारी से संपर्क की कोशिश की लेकिन उनका फोन बंद मिला। विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने फोन काट दिया। अलबत्ता, दल के मीडिया प्रभारी शिवकुमार राय जरूर फोन पर उपलब्ध हुए। उन्होंने विलय के बाबत अनभिज्ञता जताई। कहे कि अफजाल अंसारी का लखनऊ जाना अचानक नहीं हुआ है बल्कि अपने चिकित्सकीय परीक्षण के लिए लखनऊ जाना उनका पहले से तय था। श्री राय भले इन्कार करें लेकिन यह जरूर है कि फिर से सपा और कौएद के बीच खिचड़ी पकनी शुरू हुई है। वैसे भी इस मामले में एक इत्तेफाक लोग जोड़ रहे हैं। याद करें कि कौएद का विलय रद होने के बाद सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रति नाराजगी सामने आई थी। इसी बीच अपनी बात की अधिकारियों की ओर से अवहेलना करने से शिवपाल यादव की वह नाराजगी और बढ़ गई है। यहां तक कि उन्होंने इस्तीफा देने तक की धमकी दे दी है। बात बढ़ते देख पार्टी सुप्रीमो को बीच में आना पड़ा है। तब हैरानी नहीं कि पार्टी सुप्रीमो शिवपाल की कौएद के विलय रद होने से शुरू हुई नाराजगी को खत्म करने के लिए फिर से विलय पर सहमत हुए हों