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संसदीय कमेटी की बैठक में होगा कौएद-सपा के विलय का फैसला

उत्तर प्रदेश में पल-पल बदलते चुनावी समीकरण और सपा के अंदरखाने मचे घमासान के बीच एक बार फिर से मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय की चर्चा शुरू हो गई है। परिवार कल्याण राज्य मंत्री रविदास महरोत्रा ने कहा कि यदि मुलायम सिंह चाहेंगे तो कौमी एकता दल को फिर से पार्टी में शामिल किया जा सकता है।

रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि कौमी एकता दल को लेकर पार्टी के भीतर लोगों की राय अलग-अलग हो सकती है।लेकिन अगर यह कहा जाए कि पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है तो यह गलत होगा।मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को लेकर लगातार बयान देते रहते हैं।इसके साथ ही वह यह कहने से भी नहीं झिझकें की सपा सरकार के नीचे काम करने वाले बहुत से अधिकारी भ्रष्ट और बेइमान हैं।शिवपाल यादव की नाराजगी के बाद अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि मुलायम सिंह एक बार फिर कौमी एकता दल को सपा में शामिल करने की पहल कर सकते हैं।इस कदम से शिवपाल की नाराजगी तो दूर होगी ही, पूर्वी यूपी में मुस्लिम वोटों को साथ लाया जा सकेगा।रविदास ने कहा कि अक्सर देखने को मिलता है कि राजनीति में फैसले बदलते रहते हैं।उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह ने बहुत संघर्ष करके पार्टी खड़ी की है। इसलिए उन्हें पूरा हक है कि वह फैसला कर सकें।
संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा फैसलाः
सूत्रों के अनुसार, कौएद के विलय पर फैसला करने के लिए जल्द ही पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई जा सकती है।वही, रविदास ने कहा कि कौमी एकता दल से नाता तोड़ने का फैसला पार्टी की संसदीय बोर्ड ने किया था।अगर संसदीय बोर्ड चाहे तो यह फैसला फिर से पलटा जा सकता है।राज्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में संभावनाओं के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं।पार्टी के किसी भी फैसले पर पुनर्विचार हो सकता है।इसके साथ ही उन्होने कहा कि सपा में लोकतंत्र है और यहां बहुमत के आधार पर ही फैसला होता है।
विलय पर नेताजी करेंगे निर्णय-शि‍वपालः
दूसरी तरफ, एटा पहुंचे कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने सरकार से नाराजगी की बात को खारिज कर दिया।उन्होने कहा कि अखिलेश काफी अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं।शिवपाल ने कहा कि ‘अखिलेश सरकार ने सबसे ज्यादा विकास किया है, मेरी उनसे कोई नाराजगी नहीं है।शिवपाल ने कहा कि कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय का निर्णय करने का अधिकार नेताजी का है।समाजवादी पार्टी में कौमी एकता दल को शामिल करने का निर्णय नेताजी ही करेंगे।
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