कुष्ठ रोग अनुवांशिक नहीं, एमडीटी की एक खुराक से रोगी से संक्रमण नहीं होता : सीएमओ

मनीष वाल्मीकि
बहराइच : जनपद में संचालित होने वाले कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डा. डीके सिंह ने बताया कि कुष्ठ रोग के उपचार में विलम्ब होने से उत्पन्न विकलांगता वैयक्तिक स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती है तथा पीड़ित परिवार सामाजिक रूप से उपेक्षित भी हो जाता है और उस पर निर्भर पारिवारिक सदस्यों की स्थिति भी दयनीय हो जाती है। 

विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान सीएमओ डा. सिंह ने बताया कि अन्य रोगों की भाॅति कुष्ठ रोग सूक्ष्म जीवाणुओं के कारण होता है जो शरीर की नाड़ियों, चर्म और अन्य अंगों को प्रभावित करता है। जिसका ठीक से इलाज न करवाने के कारण शरीर में विकलांगता और अक्षमता हो जाती है। कुष्ठ रोगी यदि एमडीटी खा रहा है अथवा उसने एमडीटी कोर्स पूर्ण कर लिया है तो उसके सम्पर्क से कोई खतरा नहीं है। कुष्ठ रोग अनुवांशिक नहीं है, एमडीटी की मात्र एक खुराक खाने से रोगी से संक्रमण नहीं होता है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सिंह ने बताया कि समाज में छिपे कुष्ठ रोगियों को पहचानने के लिए कुष्ठ रोगी खोजी अभियान कार्यक्रम की आवश्यकता महसूस की गयी है। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत यह एक अनोखी पहल है जो पल्स पोलियो अभियान की तर्ज़ पर सम्पूर्ण देश के हाई इन्डेमिक जनपदों एवं ब्लाकों में चलाया जायेगा। इस अभियान अन्तर्गत 05 से 18 सितम्बर तक खोजी दल घर-घर जाकर कुष्ठ रोगी खोजने का कार्य करेंगे। प्रत्येक खोजी दल को प्रत्येक दिन ग्रामीण क्षेत्र के लिए 10 से 15 तथा शहरी क्षेत्र के लिए 20 से 25 घर जाना होगा। खोजी दल के सदस्य अपनी सुविधानुसार समय का चयन कर सकेंगे। खोजी दल को पोलियो अभियान की भांति प्रत्येक घर पर अंकन भी करना होगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. डीके सिंह ने बताया कि इस अभियान का मकसद है कि कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उन्हें समय से इलाज मुहैय्या कराकर इस रोग से छुटकारा दिलाना है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक 1000 की जनसंख्या पर एक खोजी टीम गठित की जायेगी। 
मुख्य विकास अधिकारी राकेश कुमार ने अभियान से जुड़े विभागों को निर्देश दिया कि ‘‘जनसहयोग की शक्ति से, कुष्ठ मिटे हर बस्ती से’’ की भावना के साथ कार्य करें ताकि यह अभियान सफल हो सके। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि अभियान की सफलता के लिए प्रत्येक स्तर पर पर्यवेक्षण की व्यवस्था करें तथा नियमित रूप से प्रत्येक चरण की अपने स्तर से समीक्षा भी करते रहें। श्री कुमार आमजन से भी अपील की है कि कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए संचालित किये जा रहे अभियान में सक्रिय सहयोग प्रदान करें। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. अमर कान्त सिंह, डिप्टी सीएमओ डा. अनिल, डीएचईआईओ एके चैधरी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

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