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मथुरा भी शामिल हुआ केंद्र की नमामि गंगे योजना के सीवेज उपचार के पीपीपी मॉडल में।

मथुरा। गंगा नदी अपने आर्थिक , पर्यावरणीय , सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के साथ भारत की सबसे पवित्र नदी है। यह नदी गंगा किनारे रहने वाले करोड़ों लोग जो अपनी दैनिक जरूरतों के लिये इस पर निर्भर है, इनके लिये जीवनदायिनी है। नमामि गंगे कार्यक्रम, गंगा नदी को बचाने का एकीकृत प्रयास है और इसके अन्तर्गत व्यापक तरीके से गंगा की सफाई करने को प्रमुखता दी गयी है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत नदी की सतही गंदगी की सफाई सीवरेज उपचार के लिये बुनियादी ढांचे, रिवर फ्रंट विकास , जैव विविधता , वनीकरण और जनजागरूकता जैसी प्रमुख गतिविधियां शामिल है।

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने हाइब्रिड-एन्यूटी पर आधारित पीपीपी माॅडल के माध्यम से सींवेज उपचार के क्रियान्वयन तथा उचित नीति प्रतिपादन के माध्यम से साफ किये अपशिष्टजल के लिये बाजार विकसित करने के प्रयास को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत सीवेज उपचार के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिये हाइब्रिड-एन्यूटी आधारित सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी, पीपीपी माॅडल पर कार्य करने हेतु 10 शहरों को प्रथम चरण में चयनित किया गया है। चयनित किये गये शहर – हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा-वृन्दावन, रमन्ना (वाराणसी), कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, पटना, साहिबगंज और बैरकपुर है। इसके लिये आज विज्ञान भवन नई दिल्ली से वीडियो कान्फेंसिंग के माध्यम से हाइब्रिड-एन्यूटी माॅडेल के प्रथम चरण के अन्तर्गत चिन्हित 10 शहरों में कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस कान्फे्रंसिंग की अध्यक्षता मा0 केन्द्रीय मंत्री, शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन एवं सूचना और प्रसारण, श्री एम. वैकैया नायडु और सह अध्यक्षता मा0 केन्द्रीय मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सरंरक्षण, सुश्री उमा भारती द्वारा की गयी। इस कान्फ्रेेंसिग के माध्यम से 10 शहरों के मेयर, चेयरमैन, नगरपालिका के अधिकारी और जिलाधिकारियों के साथ चर्चा की गयी। इसमें चिन्हित शहरों में लागू होने वाली योजनाओं से अवगत कराया गया। साथ ही परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये केन्द्र, राज्य, जिला और स्थानीय निकायों से सहयोग और समर्थन के लिये भी चर्चा की गयी तथा उनसे भी इससे सम्बन्धित परियोजनाओं के आरम्भ करने हेतु प्रस्ताव आमंत्रित किया गया। इसमें गंगा की सफाई तथा एस.टी.पी. प्लान्ट के आधुनिकीकरण हेतु विशेष चर्चा की गयी। प्रथम चरण में मथुरा जनपद को शामिल किया गया है। इस हेतु जिलाधिकारी श्री निखिल चन्द्र शुक्ल ने स्पष्टतया गंगा के महत्व को प्राथमिकता देते हुए इस ओर स्पष्ट तथा महत्वपूर्ण कदम उठाने के संकेत दिये है तथा इस योजना में जनपद प्रशासन व निकाय की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया।
जिला सूचना विज्ञान केन्द्र कलेक्ट्रेट में सम्पन्न हुयी इस कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य विकास अधिकारी श्री मनीष कुमार वर्मा, नगर पालिकाध्यक्षा श्रीमती मनीषा गुप्ता, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद मथुरा, वृन्दावन तथा सभी सम्बन्धित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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