इब्ने हसन जैदी.
कानपुर. सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी द्वारा उर्सला के डॉक्टर से बदसलूकी करने और धमकाने के मामले में जहाँ एक ओर डॉक्टर्स ने विधायक के खिलाफ मुकदमा लिखाने के लिए कोतवाली में तहरीर दी है वहीँ पुलिस अभी से सत्ता के दबाव में दिखाई पड़ रही है. तहरीर में किस विधायक का नाम लिखा है ये बताने में कोतवाली इंस्पेक्टर के मुह में दही जम गया.
सपा नगर अध्यच फज़ल महमूद के जन्मदिन के मौके पर आज उर्सला अस्पताल में सपा की तरफ से ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया था. कैंप में सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी वहां के डॉ शशिकांत मिश्रा से भिड गए. डाक्टरों का आरोप है कि उनके साथ विधायक ने बदसुलूकी भी की और उनको हटाने की धमकी दे डाली. इससे व्यथित डॉ ने अपना इस्तीफ़ा डायरेक्टर को सौंप दिया. इसके बाद डॉक्टर्स ने कोतवाली में इरफ़ान सोलंकी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी लेकिन वहां भी पुलिस सत्ता के दबाव में मुक़दमा नहीं लिखी और तहरीर पर ही विवेचना की बात कह कर चिकित्सको को चलता कर दिया. मडिया द्वारा पूछने पर कोतवाली इंस्पेक्टर विधायक का नाम बताने में हिचकिचाने लगे. जब कई बार पुछा गया तो बड़ी मुश्किल से उन्होंने नाम बताया. डॉक्टर्स ने इस लडाई को अपनी प्रतिष्ठा का भी विषय बना रखा है और अब वह को आर पार की लडाई लड़ने की तय्यारी में है,
आपको बताते चले कि विधायक के करीबी सूत्रों के मुताबिक विधायक इरफ़ान सोलंकी मुख्यमंत्री के काफी करीबी है, इसी कारण से पार्टी द्वारा किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही विधायक के ऊपर नहीं होती है. इरफ़ान सोलंकी और विवादों का चोली दामन का साथ रहा है. पूर्व में केसा की महिला एमडी से बदसुलूकी के प्रकरण में इरफ़ान सोलंकी को जेल भी जाना पड़ा था यह प्रकरण काफी दिनों तक मीडिया में चर्चा में रहा, उसके बाद एक सरकारी अस्पताल में विधायक पर समर्थको के साथ मारपीट और तोड़ फोड़ का आरोप भी लगा जिसमे वहा के चिकित्सक हड़ताल पर भी काफी दिनों तक रहे. इसी प्रकार एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुवा था जिसमे विधायक के साथी विधायक की उपस्थिति में पुलिस कर्मियों को धमकी दे रहे थे बाद में विधायक की नज़र वह मीडिया के कैमरे पर पड़ी तो वह इस प्रकरण में पैच करते नज़र आये.
जो भी हो विधायक द्वारा इस प्रकार के कृत्य सपा की साख पर एक बड़ा धब्बा लगा रहा है. लगातार विवादों में सपा विधायक का नाम आने से सपा के कार्यशैली पर भी जनता सवालिया निगाहों से देख रही है. अब देखना यह है कि पार्टी द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है या फिर आया प्रकरणों की तरह यह भी ठन्डे बसते में चला जायेगा.