इब्ने हसन ज़ैदी।
कानपुर। पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामी गंगे की कानपुर में आज से शुरुआत की गयी। केंद्र सरकार के 13 मंत्रालयों के सहयोग से चलाये जाने वाले इस प्रोजेक्ट की शुरुआत जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने की। 607 करोड़ की लागत से इस परियोजना के अंतर्गत गंगा की सफाई , सीवेज वाटर के शुद्धिकरण और घाटों के सुन्दरीकरण जैसे काम होंगे।
जिस औद्योगिक शहर कानपुर के माथे पर गंगा मैया को मैली करने का कलंक लगता था , आज वहीं से गंगा की साफ़ सफाई और सुन्दर नज़ारों को भरने की शुरुआत हुई। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने नमामि गंगे की कानपुर में शुरुआत की. नमामि गंगे के तहत यहाँ हर रोज करोडो लीटर सीवेज वाटर को सीधे गंगा में गिराने से रोका जा सकेगा। इसके लिए 63 करोड़ करोड़ की लागत से सीसामऊ नाले को डायवर्ट करके सीवेज वाटर को शोधित किया जायगा। वैसे पूरे शहर के सीवेज नेटवर्क को सुधारने के लिए 397 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। पौराणिक नगरी बिठूर के रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के लिए 100 करोड़ और कानपुर के घाटों के विकास के लिए 47.39 करोड़ रूपये का बजट रखा गया है। उमा भारती ने जब कानपूर मेरिन नमीमि गंगे की शुरुआत की तो इस क्षण का साक्षी बनने के लिए उनके साथ डॉ मुरली मनोहर जोशी भी मौजूद थे
जल संसाधन मंत्री ने माना कि गंगा सफाई के लिए इससे पहले चलाये गए कार्यक्रमों में व्यवहारिक कमियाँ थी। राज्यों द्वारा जो डीपीआर बनाई गयी थी उनमे शोधित जल गिराया जाना था। उमा भारती ने कहा कि गंगा की सफाई के लिए अब डीपीआर बदली जा रही है। अब घरेलू सीवेज वाटर शोधन के बाद खेती में प्रयोग किया जायगा और उद्योगों से निकलने वाला रासायनिक जल शोधन के बाद इंडस्ट्री रिसाइलिंग करेंगी. इसे किसी भी हाल में गंगा में नहीं गिराया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने अब राज्य सरकार के अंशदान आसरा न देखने का फैसला किया है। कानपुर के चमड़ा कारखानों को एक को एक बड़ी राहत देते हुए उमा भारती ने एलान किया कि अब केंद्र सरकार कॉमन ट्रीटमेन्ट प्लान्ट की पूरी 700 करोड़ की लागत का खर्च उठाएगा। केवल रखरखाव का खर्च कारखाना मालिकों को उठाना होगा लेकिन इस पर अभी सहमति न बन पाने पर जल संसाधन मंत्री ने खेद जताया।
क्या मौजूदा मोदी सरकार के कार्यकाल में गंगा साफ़ हो पाएगी , इस पर उमा भारती भरोसा जताती है कि जिस तरह शादी की तैयारियाँ शादी करने से ज्यादा मुश्किल होती है इसी तरह गंगा साफ़ करने की तैयारियों का काम पूरा हो गया है , इस तरह बारात दरवाजे पर पहुँची समझा जाना चाहिए। इस तरह मंत्राणी जी नमामि गंगे के शिलान्यास को लोकापर्ण का दर्जा दे गयी