पेट की आग जैसे-तैसे तो बूझ जा रही है, लेकिन दिल की आग धधक रही है। मन में बहुत पीड़ा है। लोग नेताओं को तो देखना तक नहीं चाहते। उनका मानना है कि यदि नेता बाढ़ व कटान कीभयावहता पर पहले कुछ किये होते तो आज यह नौबत नहीं आती। प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए जमीन व आवास देने की घोषणा किया। इसका शासनादेश भीजारी हुआ, लेकिन धरातल पर आज तक सच नहीं दिखा। लोग बेहाल है। डीएम की सक्रियता की सराहनाभी कर रहे है। उनका मानना है कि यदि डीएम बाढ़ से पहले बलिया में आये होते तो आज निश्चित ही यह दिन देखने को नहीं मिलता। उधर, बाढ़ प्रभावितों की सेवा में बघउच के ग्राम प्रधान संतोष सिंह उर्फ बच्चा सिंह ने लंगर खोल दिया है। यहां पीड़ितों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
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