बरेली। शेर सिंह ( गौरव )। स्वास्थ्य सेवाओ का बुरा हाल शहर से लेकर देहात तक देखने को आये दिन मिलता है। ऐसा ही एक मामला आज बरेली जनपद की तहसील मीरगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सामने आया है जहाँ स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गयी आये दिन सुर्खियो में रहने वाला विभाग अपने कार्यो के प्रति कितना सजग हैं। मीरगंज के कैथौला गाँव की एक महिला को ताँगे में ही बच्ची को जन्म देना पड़ा। बताया जा रहा है कि महिला करीब एक घण्टे तक दर्द से चीखती रही लेकिन वहां मौजूद डॉक्टर और स्टाफ के कानो तक उसकी चीख नही पहुंची।
मीरगंज के कैथौला गाँव के रहने वाले सुंदर की पत्नी प्रेमवती को आज सुबह प्रसव पीड़ा हुई जिसके बाद परिजन ताँगे से लेकर उसे मीरगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुचे। करीब एक घण्टे तक महिला ताँगे में दर्द के कारण जोर जोर से चीखती रही। बता दें कि जिस वक्त महिला दर्द से चीख रही थी उस समय आशाएं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हंगामा काट रही थी महिला के परिजनों ने डाक्टरो और आशाओं से डिलीवरी कराने के लिए काफी मिन्नतें कीं लेकिन मानवता खो चुकी आशाएं हड़ताल के नाम पर हंगामा करती रही और किसी ने महिला की पीड़ा की तरफ ध्यान नहीं दिया। सरकार से अपनी मांगो के नाम हंगामा करने वाली आशाओ ने मीरगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बैक्सीन रूम में ताला भी जड़ दिया। इस दौरान प्रेमवती ने ताँगे में ही एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
अब सवाल यहाँ यह उठता है कि आशा बहुवे आखिर अपनी किस सेवा के बदले सरकार से अपनी मांग के लिए आंदोलन रत है। अगर जच्चा बच्चा का कुछ हो जाता तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होता। अब देखना यह है कि शासन और स्थानिय प्रशासन इस प्रकरण पर क्या कार्यवाही करता है।