मरीज की स्थिति गम्भीर होने पर प्लेट लेट्स की संख्या तेजी से कम होते हुए नाक, कान, मुँह या अन्य अंगों से रक्त स्त्राव शुरू हो जाता है, रक्त चाप काफी कम हो जाता है। यदि समय पर उचित चिकित्सा ना मिले तो रोगी कोमा में चला जाता है। इन लक्षणों के सम्बन्ध में यह बात ध्यान रखने योग्य है कि बहुत से अन्य रोगों एवं अन्य बुखार आदि के लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते हो सकते हैं और कभी कभी रोगी में बुखार के साथ सिर्फ एक-दो लक्षण होने पर भी डेंगू पॉजिटिव आ सकता है। इसलिए सभी लक्षणों के प्रकट होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। यदि बुखार एक-दो दिन में ठीक ना हो तो तुरन्त डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाना चाहिए क्योंकि कोई भी बुखार डेंगू हो सकता है। आयुर्जीवनम सेवा समिति के प्रोजेक्ट मैनेजर सुरजीत सिंह ने डेंगू से बचाव के बारे में कहा कि घर एवं घर के आसपास पानी एकत्र ना होने दें, सा़फ सफाई का विशेष ध्यान रखें। ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक सकें। मच्छर रोधी क्रीम, स्प्रे, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग मच्छरों के बचाव हेतु करें। इस मौके पर महेन्द्र सिंह लोधी, पूरन सिह, प्रेम सिह, अश्फाक हुसैन, शकील अहमद, चुन्नी सिंह, चन्द्रपाल, हेमेंद्र, सौरव रस्तोगी, रजनीश वर्मा मौजूद रहे।
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