अगर खादिम अब्बास दोषी होते तो क्या वह आज खुद कोतवाली पुलिस के बुलाने पर जाते।परसो भी कोतवाली में पीस कमेटी की बैठक में उन्होंने अपने विचार रखे जहाँ जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके विचारों की सराहना की थी।आज उसी वरिष्ठ पत्रकार को पुलिस ने बहाने से कोतवाली उनको बलात्कारी बना दिया और आनन् फानन में जेल भेज दिया।पुलिस की इस कार्येवाही को लेकर शहर की जनता और बुद्धिजीवियों मैं काफी रोष है।मामला डेढ़ साल पुराना था एक दुकान को लेकर विवाद था, लेकिन बाद मैं जांच वादी के कहने पर इटावा जिले से कन्नौज जिले में ट्रांसफर कर दी गयी थी।।
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