- अच्छी सुविधा चाहिए तो दीजिये शुल्क
- प्रशासनिक अधिकारी उन्हें तो कुछ नजर ही नहीं आता
फारूख हुसैन
लखीमपुर (खीरी)=किस को रोये किस्मत को या फिर प्रथ्वी के भगवानों को कुछ समझ नही आता परंतु यह जरूर समझ आता है कि पैसा फेको और तमाशा देखो ,यदि आपके पास झोली भर भर कर पैसा है तो मेरा दावा है कि दुनिया की कोई ऐसी जगह नहीं है जहाँ आपकी खिदमत न हो ।फिर चाहें स्वास्थ्य केन्द्र ही क्यों न हो जो सरकार बड़े बड़े दावे करती है कि मैं गरीबों को हर प्रकार की सुविधाओं से नवाज दुंगा । यह सुनकर ऐसा लगता है कि किसी ने कानों मे रस घोल दिया हो वह इतने बड़े बड़े दावे करती है और मैं यह नहीं कहता कि वह कुछ करती नहीं परंतु मैं समझता हूँ कि जब तक वह सुविधाएँ आम आदमियो के पास न पहुँच पाये तब तक वह बेकार है और उनके वादे झूठे ।
सभी को मालूम है कि शायद ही कोई सरकारी एवं गैर सरकारी जगह हैं वह चाहें तहसील नगर पालिका परिषद विद्यालय हो यह स्वास्थ्य केंद्र सभी जगह सब लोग अपनी अपनी चलाते है और वहाँ गरीबों का शोषण किया जाता है।
जहाँ तक सवाल है कि पूरे देश में सरकारी चिकित्सा केन्द्र गरीबों के लिए ही बनवाये जाते हैं परंतु उनको वहाँ की हर सुविधाओं से वंचित रखा जाता है ।कुछ ऐसा ही हाल हमारे लखीमपुर जिला चिकित्सालय का है जहाँ गरीबों को दवाएँ तो छोडिये बेड भी नसीब नही होता है कहने को तो जिला चिकित्सालय बेहतर सुविधा और मुफ्त दवाओं के लिए फेमस हैं परंतु आप जब वहाँ मौजूद मरीजों और तीमारदारों से उनका हाल पूछेगें तब आपको हकीकत का पता चलेगा ।उल्लेखनीय है कि लखीमपुर जिले और उसके आस पास के जितने भी क्षेत्र हैं वहाँ से गंभीर अवस्था में ही मरीजों को भेजा जाता है इस उम्मीद पर किसी वहाँ जाने पर हमारे मरीज को वहाँ अच्छी सुविधा मिलेगी परंतु हकीकत कुछ और है वहाँ अधिकतर दवाओं को बाहर से ही मंगाया जाता है और बेड की सुविधा होते हुए भी उन्हें बेड से वंचित रखा जाता है बात चीत पर पता चला की यदि वहाँ अच्छी सुविधा चाहिए तो शुल्क देना पड़ता है ।जिससे देखकर पता चलता है कि मरीजों के लिए जिला चिकित्सालय यातना का घर ही है ।परंतु सबकुछ जानते हुए भी प्रशासनिक अधिकारी अपनी आँखे बंद किये हुए है ।