सपा के कद्दावर नेता आज़म ने सारी हदें ही पार कर दी है. उन्होंने अपनी व्यक्तिगत लड़ाई को जारी रखते हुए जहां जयाप्रदा को नचनिया कह डाला है. वहीँ अमर सिंह और मुलायम को भी अपने इस बयान में उन्होंने लपेटते हुए उन्हें कहा है कि एक नचनिया को MP बना दिया है. बहरहाल अब सवाल इस बात का है कि क्या आज़म फिर सपा को छोड़कर जाने वाले हैं ? क्यों कि इससे पहले आज़म खान जयाप्रदा और अमर सिंह के कारण ही पार्टी को छोड़कर चले गए थे.
आज़म जैसे नेता की तलाश मायावती को
दरअसल आज़म जिस सुर में बात कर रहे है. उससे यही लगता है कि आज़म सपा को छोड़कर नए घर कि तलाश कर रहे है. समझा जाता है कि वह अगले साल 2017 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले बसपा में शामिल होकर बहन मायावती के सुर में सुर मिलाते नजर आएंगे. सूत्रों के मुताबिक यूपी की सियासत जिस तरह से करवट बदल रही है. उससे यह बात साफ है कि आज़म जैसे नेता की तलाश बसपा सुप्रीमो को भी है. सूत्रों के मुताबिक मायावती का ब्राह्मण ट्रंप कार्ड फेल हो जाने के बाद उन्हें मुस्लिमों की राजनीति करने वाले एक बड़े नेता की जरुरत है. इसलिए आज़म अगर बसपा में शामिल होते हैं तो जहां मायावती की जरुरत पूरी होगी वहीँ आज़म को भी यूपी में एक नया घर राजनीति करने के लिए मिल जायेगा.