सीतापुर= खैराबाद स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रत्येक घर में शौचालय बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार जनता को करोड़ों रुपए की आर्थिक मदद प्रदान कर रही है लेकिन खैराबाद नगर पालिका अध्यक्ष हनीफ अंसारी केंद्र सरकार की इस योजना पर पानी फेरने पर लगे हुए हैं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खैराबाद के मोहल्ला शेख सराय में अखलाख अली ने अपनी ही जमीन पर शौचालय का टैंक बनाने के लिए काम शुरू किया लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष ने क्षेत्रीय गुंडों लईक अहमद वसीक अहमद शफीक अहमद की मदद लेकर तथा पालिका प्रशासन पर दबाव बनाकर जबरिया तौर पर काम को रुकवा दिया
पीड़ित पक्ष द्वारा स्थानी पुलिस से सहायता मांगने पर पुलिस ने कहा कि संबंधित जमीन यदि आपकी है तो नगर पालिका खैराबाद से लिखवा कर ले आओ तो पुलिस द्वारा बनवा दिया जाएगा लेकिन अध्यक्ष की दबंगई के आगे प्रशासन और उच्च अधिकारियों की एक न चली नगरपालिका ने लिख कर देने से इंकार कर दिया इस कारण पीड़ित ने सूचना का अधिकार का सहारा लेकर नगरपालिका से ही यह सिद्ध करवा लिया की संबंधित जमीन जिस पर काम शुरू किया गया था वह पीड़ित की ही जमीन है नगर पालिका प्रशासन द्वारा हनीफ अंसारी के दबाव में आज भी शौचालय बनाने में तरह-तरह की अड़चने लगाई जा रही हैं पालिका अध्यक्ष के दबाव में अधिशासी अधिकारी खैराबाद का कहना है कि शौचालय टैंक बनाने के लिए नक्शा पास करवाओ वरना नगर पालिका प्रशासन द्वारा फिर से रुकवा दिया जाएगा जानकारों की माने तो टैंक जैसी छोटी चीज का नक्शा पास करवाने के लिए कहना सिर्फ कार्य को बाधित करने का बहाना है और इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है सोचने वाली बात यह है कि क्या पालिका अध्यक्ष ने अपने मकान में शौचालय टैंक बनाने से पहले नक्शा पास करवाया था या नहीं और खैराबाद नगरपालिका द्वारा अब तक शौचालय टैंक बनवाने के लिए कितने नक्शे पास किए गए हैं इसका जवाब शायद नगरपालिका प्रशासन के पास नहीं है लेकिन इससे एक बात साफ होती है कि खैराबाद नगरपालिका में कानून की नहीं बल्कि पालिका अध्यक्ष की मनमानी चलती है इसी कारण व्यक्तिगत जमीनों पर शौचालय टैंक बनाने में नगर पालिका प्रशासन तरह-तरह की अड़चने लगाकर स्वछ भारत मिशन की धज्जिया उड़ाने पर तुला हुआ है सत्ता के गलियारों में बसपा नेता हनीफ अंसारी की ऊंची पहुंच होने के कारण लगातार शिकायतें करने के बावजूद प्रशासन भी अध्यक्ष पर कार्यवाही करने से कन्नी काट रहा है इसी दबंगई और मनमानी के कारण नगर पालिका प्रशासन जंगल राज में तब्दील हो चुका है