शेर सिंह गौरव
देश में करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 53 लाख पेंशनधारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकार द्वारा किए गए बदलावों के बाद बढ़ी हुई सैलरी मिल गई है. सरकार ने 60 प्रतिशत से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और
पेंशनधारियों का एरियर भी दे दिया है, लेकिन अभी भी अधिकारीगण का एरियर नहीं दिया गया.
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले राजपत्रित अधिकारियों को अभी भी सातवें वेतन आयोग के तहत घोषित एरियर नहीं मिला है. सूत्र बता रहे हैं कि सरकारी वेबसाइट पर एरियर की डिटेल पहले डाल दी गई थीं, कर्मचारी संतुष्ट थे, लेकिन सरकार ने बाद में यह सारी जानकारी वेबसाइट से हटा दी और तभी से सभी को इंतजार था 31 अगस्त का जब बढ़ी हुई सैलरी के साथ एरियर भी खाते में आना था, लेकिन अधिकारी वर्ग को छोड़कर सभी के खातों में सैलरी के साथ-साथ एरियर भी आ गया.
इस बारे में जानकारी देते हुए सूत्रों का कहना है कि कुछ अनोमली (विसंगतियां) देखी गई होंगी. जिसके बाद सरकार ने ऐसा करने का निर्णय लिया होगा. सूत्रों का कहना है कि सारी प्रक्रिया पर अनोमली दूर करने के लिए बनी समिति नजर रखे है और जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा और इस महीने के अंत में अधिकारियों को भी एरियार दे दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस साइट पर इस जुड़ी जानकारी अपने अधिकारियों से शेयर करेगी.
सातवें वेतन आयोग (पे कमिशन) की सिफारिशों को लागू करने से संबंधित गजट नोटिफिकेशन सरकार ने 27 जुलाई को जारी कर दिया था. सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों को पहले ही साफ कर दिया गया था कि उनका पूरा एरियर एक ही किश्त में मिल जाएगा. सभी कर्माचारियों को इसका इंतजार था. गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू की गई हैं और सभी कर्मचारियों को अगस्त महीने के वेतन के साथ ही उनका पूरा एरियर भी देने की सरकार ने कोशिश की है. पहले सरकार की ओर से कहा गया था कि इसी वित्तवर्ष में यानी 2016-17 में वेतन बकाया का एरियर दिया जाएगा. लेकिन बाद में सरकार ने अपने निर्णय में तब्दीली की और एक मुश्त एरियर देने का ऐलान किया.
सरकार पहले ही 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशों को अधिसूचित कर चुकी है. इसके मुताबिक सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 2.57 गुना वृद्धि होगी. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की कुल संख्या करीब एक करोड़ है. वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से अमल में आएंगी.