गौर तलब हो की पूर्व मंत्री इश्तियाक अंसारी 17 अक्टूबर 1993 को सपा बसपा गठबंधन में बिधायक चुने गए थे सपा बसपा गठबंधन टुटा तथा लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड हुआ जिसमे बहन मायावती को बचाने में इश्तियाक अंसारी अहम् रोल अदा किया दूसरी बार भाजपा के सहयोग से पुनः मायावती मुख्य मंत्री बनि तो 11 जून 1995 को पूर्व मंत्री इश्तियाक अंसारी को तोहफे में हथ करघा राज्य मंत्री बनाया पूर्व मंत्री की इंतकाल की सूचना जैसे ही लोगो को मिली वैसे ही पूर्व मंत्री के परिवार के घर पंहुच कर लोगो ढाढ़स दिया पूर्व मंत्री के पांच संताने है जिसमे में सबसे बड़ी आसिया खातून बेटा सौकत अंसारी अंसारी नसीम अंसारी अबुल कैस अंसारी पूर्व मंत्री के बेटे सौकत अंसारी ने बताया की शुक्रवार के दिन ही मेरे अब्बा का इंतकाल हुआ है शुक्रवार का दिन हम लोगो का पवित्र दिन मन गया है इस लिए आज ही का दिन साम को मंत्री जी को बाराचवर रामलीला मैदान के बगल में पुस्तैनी कब्रिस्तान में साम को 5 बजे दफनाया जायेगा। सपा के वरिष्ठ नेता राजेश राज पप्पू व जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन रामधारी यादव उनके पैतृक आवास पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त किया।
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