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मेंहदी वाले हाथों से उतरा मंगलसूत्र

अखिलेश सैनी
बलिया। उन आंखों की दो बूंदों से समंदर भी हारे होंगे… जब मेंहदी वाले हाथों से मंगलसूत्र उतारे होंगे…। उक्त पंक्ति भले ही दो लाइन की है, लेकिन जवान की शहादत व पत्नी की बदली तस्वीर को पूरी तरह समेटे हुए है। पत्नी पार्वती देवी गर्भवती है। उसकी स्थिति सामान्य नहीं है। उससे उसके सुहाग उजड़ने जैसी बात को भी छुपाने का प्रयास किया गया था, लेकिन घर की महिलाएं जब उसका सिन्दूर साफ की… चूड़ियां तोड़ी… मंगलसूत्र उतारी… उसे कुछ समझने में देर नहीं लगा और उसे काठ मार गया।

समझ नहीं पा रही थी कि विधाता ने उसे किस गलती की सजा दिया है। कभी आठ वर्षीय बड़ी बेटी प्रीति को निहार रही थी, तो कभी दो वर्षीय बेटी राधिका को। रोते-बिलखते कभी भगवान को कोस रही थी, तो कभी बूढ़ी सासू मां के साथ दहाड़े मारते हुए गिर जा रही थी। रविवार को उरी में शहीद हुए जवानों में दुबहर थाना क्षेत्र के दुबहर निवासी राजेश कुमार यादव भी शामिल थे। राजेश की शहादत की सूचना उसी दिन रात में राजेश के छोटे भाई विकेश को मिल गयी थी, लेकिन बूढ़ी मां की हार्ट बीमारी व शहीद की गर्भवती पत्नी पार्वती को वह कुछ बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। सोमवार की रात जैसे-तैसे मां व पत्नी को हादसे की जानकारी हो गयी। फिर कहना ही क्या था, कोहराम मच गया।

मम्मी घबराओं मत, पापा आ रहे है…
बलिया। शहीद राजेश कुमार यादव के पार्थिव का अंतिम दर्शन पाने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी थी। शहीद के घर में कोहराम मचा था और बाहर पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लग रहा था। वहीं, मीडिया कर्मी मां, पत्नी व बच्चे से शहीद के बारे में जानकारी हासिल कर रहे थे। शहीद की पत्नी पार्वती की आंखों से अश्रुधारा बह रही थी। मां को रोते देख आठ वर्षीय पुत्री प्रीति ने न सिर्फ मां के आंसू पोछी, बल्कि कहने लगी कि मम्मी रोओ मत, पापा आ रहे है। मेरे लिए साइकिल भी ला रहे है। बच्ची के मुंह से यह बात सुन वहां पर मौजूद हर शख्श की आंखों से बरबस ही आंसू बहने लगा। वहीं, पत्नी बच्चों की तरफ देख फफकर रोने लगी। शहीद की दो वर्षीय पुत्री राधिका बहन व मां को रोते देख चिल्लाकर रोने लगी। बच्चों को चुप कराने के लिए कुछ महिलाएं लगी रही। पत्नी को समझाने-बुझाने में महिलाएं जुटी रही। घर के बाहर उमड़ी भीड़ शहीद के पार्थिव शरीर का दर्शन पाने के लिए देर तक खड़ी रही।
बूढ़ी मां पूछती रही, कवन मार देहलस हमार बाबू के
बलिया। शहीद की मां सोमरिया देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। बार-बार कहती रही कि ए हमार लाल, तू कवन दूसरा जगह गईला। 20 दिन पहले मां से शहीद राजेश यादव की बातचीत हुई थी। घर के अंदर उपस्थित लोगों के सामने रोते हुए मां यह कहती रही कि हमरा बाबू फोन पर बात कइले रहलन हा। कहत रहलन हा कि हम दूसरा जगह जात बानी। हमरा के का पता रहल कि हमार बाबू सचो में दूसरा जगह जात बाड़न। बीमार मां के आंसूओं को पोछने में कई महिलाएं लगी रही। मां ने यह भी कहा कि उहे त हमार लाल रहलन हा, जवन घर के सब काम देखत रहलन हा। अब केकरा भरोसे घरवा चली ए बाबू। कवन मार देहलस हमार लाल के। यह सुनकर उपस्थित लोगों की आंखों से भी आंसू निकल पड़े।
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