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जनपद बहराइच का भू-लेख डाटा हुआ आनलाइन, घर बैठे प्राप्त होगी खतौनी खातेदार के नाम से भी सर्च की जा सकती है खतौनी

नूर आलम वारसी
बहराइच : जिलाधिकारी अभय की पहल पर जनपद बहराइच की सभी पाचों तहसीलों के भू-लेख डाटा को आनलाइन कर दिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी विद्या शंकर सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी आर.पी. मिश्रा तथा जिला सूचना विज्ञान अधिकारी एस.ए.एच. रिज़वी के दिशा निर्देशन में जिला सूचना विज्ञान केन्द्र, बहराइच द्वारा जनपद के सम्पूर्ण भू-लेख डाटा को एनआईसी के ‘‘मेघदूत क्लाउड सर्वर’’ पर अपलोड कर दिया गया है।

जिला सूचना विज्ञान केन्द्र, बहराइच (एनआईसी) बहराइच में मुख्य विकास अधिकारी राकेश कुमार ने आनलाइन सुविधा का शुभारम्भ करते हुए तहसील सदर बहराइच के 02 काश्तकारों  श्री गुलाम अहमद पुत्र सिद्दीक  अहमद, ग्राम नगरौल, खाता संख्या 696 तथा अभिषेक सिंह पुत्र पवन कुमार सिंह, ग्राम जगतापुर, खाता संख्या 495 को आनलाइन खतौनी उपलब्ध करायी। इस पूरे सिस्टम की विशेषता यह होगी कि कोई भी इच्छुक व्यक्ति लोकवाणी व जन सेवा केन्द्रों के अतिरिक्त मोबाइल व अन्य पोर्टल उपकरणों पर भी खतौनी देख सकते हैं और उसे प्राप्त कर सकते हैं।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी एस.ए.एच. रिज़वी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति घर बैठे इन्टरनेट की मदद से भी खतौनी प्राप्त कर सकते हैं परन्तु वह डिजीटली हस्ताक्षरित नहीं होगी। श्री रिज़वी ने बताया कि इस सुविधा को नेट बैंकिंग से जोड़ने की प्रक्रिया बिल्कुल अन्तिम चरण में है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस प्रक्रिया के नेट बैंकिंग से जुड़ जाने के पश्चात लोग शासन द्वारा निर्धारित शुल्क नेट बैंकिंग के माध्यम से जमा कर इन्टरनेट की मदद से भी डिजीटली हस्ताक्षरित खतौनी प्राप्त कर सकेंगे।
श्री रिज़वी ने बताया कि जनपद में इस प्रक्रिया के लागू हो जाने से अब किसी व्यक्ति को खतौनी प्राप्त करने के लिए तहसीलों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इच्छुक व्यक्ति को खतौनी प्राप्त करने के लिए वेब साइट डब्लूडब्लूडब्लू डाट यूपीबीएचयूएलइकेएच डाट जीओवी डाट इन पर जाकर पब्लिक आरओआर (रिकार्डस आफ राइट) लागइन पर लागइन करके सम्बन्धित जिला व तहसील को चुनाव करने के पश्चात खसरा, गाटा संख्या, खाता नम्बर या काश्तकार का नाम डालकर अपनी खतौनी का प्रिन्ट प्राप्त कर सकेंगे। श्री रिज़वी ने बताया कि सभी भू-राजस्व डाटा में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे इसके लिए भू-राजस्व ग्राम की मैपिंग जनगणना-2011 के अनुरूप कर दी गयी है एवं सभी जंक इत्यादि डाटा को डीलीट कर दिया गया है।
श्री रिज़वी ने बताया कि इस प्रक्रिया के लागू हो जाने से खतौनी पर न तो बार-बार हस्ताक्षर करना पड़ेगा और न ही तहसील स्तर पर डिजीटल डाटा एवं भूलेख सर्वर का रख-रखाव करना पड़ेगा। तहसीलों को खतौनी पंजिका में भी खतौनी दर्ज करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। तहसीलवार व माहवार तहसील स्तर से भू-लेख डाटा को एनआईसी कार्यालय से भू-लेख सर्वर पर अपलोड करने की प्रक्रिया भी अब समाप्त हो गयी है।
तहसील स्तर पर नये अमल-दरामद फीड करने के तत्काल बाद ही भू-लेख सर्वर पर डाटा उपलब्ध हो जायेगा। बैंक, चीनी मिल व अन्य विभाग भी उपरोक्त वर्णित वेबसाइट से ही खतौनी का सत्यापन कर सकेंगे। सभी खतौनी पर क्यूआर कोड उपलब्ध रहेगा जिसकों क्यूआर एप्स/साफ्टवेयर से देखकर खतौनी का विवरण/प्रमाणिकता इत्यादि की जाच भी की जाने की सुविधा होगी। इस प्रक्रिया के अमल में आ जाने के बाद अब रविवार एवं अन्य राजपत्रित अवकाशों के दिन भी लोकवाणी, जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से डिजीटली हस्ताक्षरित खतौनी प्राप्त की जा सकेगी। क्योंकि एनआईसी के ‘‘मेघदूत क्लाउड सर्वर’’ पर डिजीटली हस्ताक्षरित भू-लेख अपलोड किये गये हैं।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी विद्या शंकर, उप जिलाधिकारी सदर नागेन्द्र कुमार सहित राजस्व व एनआईसी के अन्य सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारी, काश्तकार मौजूद रहे।
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