- मृतक के खिलाफ कर दी शिवपुर पुलिस ने गैंगेस्टर की कार्यवाही
- बिना जाँच किये ही दे दी थानाध्यक्ष शिवपुर ने जिलाधिकारी को गैंगेस्टर में निरुद्ध करने की सूची
- क्या फिर नज़रंदाज़ किया जायेगा थानाध्यक्ष शिवपुर की कारगुजारी
तारिक आज़मी
वाराणसी। थाना शिवपुर हमेशा ही सुर्खियों का हिस्सा रहा है. अभी कुछ दिन पुर्व ही एक चोरी का आरोपी जिसको बसही के क्षेत्रिय जनता ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था थाना परिसर से भाग गया. तो तो सौभाग्यवश वह एक क्षेत्रिय संवाददाता थाने पर उपस्थित थे जिन्होंने दौड़ा कर उक्त चोर को पकड़ लिया. अन्यथा थाना शिवपुर की पुलिस की साँसे फूलने लगी थी.हमने इस समाचार को प्रमुखता से उठाया था जिसका संज्ञान लेकर पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी ने आवश्यक कार्यवाही का आदेश एक सोशल मीडिया के माध्यम से अधिनस्थो को प्रदान किया था. अभी शायद इसकी फाइल भी बनकर न तैयार हुई होगी जाँच कि तब तक एक बार फिर से शिवपुर थानाध्यक्ष की कार्यशैली सुर्खियों में है. इस बार थानाध्यक्ष शिवपुर के द्वारा एक ऐसे व्यक्ति पर गैंगेस्टर की कार्यवाही हेतु जिलाधिकारी से अनुमति ले ली गई है जिसकी मृत्यु अब से 6 माह पुर्व ही हो चुकी है. आइये आपको बताते है
क्या है पूरा मामला ………
पिछले दिनों गैंगेस्टर के बावत वाराणसी के पुलिस अधिक्षक ने एक आदेश कर सभि थानों से लिस्ट मांगी थी. इस आदेश के बाद हरकत मे आई शिवपुर थानाध्यक्ष ने आननफानन में बिना जाँच पड़ताल के ही 6 अपराधियो के खिलाफ गैंगेस्टर करने के बावत लिस्ट अपने आलाधिकारी को उपलब्ध करवा दी.विदित हो की गैंगेस्टर की कार्यवाही हेतु जाँच थानाध्यक्ष द्वारा स्वयं होती है.लिस्ट प्राप्ति के उपरान्त ज़िले के पुलिस के आला अधिकारियो ने अपराध नियंत्रण हेतु गैंगेस्टर के आदेश हेतु जिलाधिकारी विजय किरण को पत्र लिखा. आपको बताते चले कि 3 (1) उत्तर प्रदेश गैंगेस्टर अधिनियम में निरुद्ध करने का आदेश स्थानीय जिलाधिकारी के द्वारा किया जाता है. जिलाधिकारी द्वारा शिवपुर पुलिस की सूची पर गैंगेस्टर की कार्यवाही हेतु आदेश दे दिया.
जिलाधिकारी का आदेश मिलने के बाद शिवपुर पुलिस ने सभी 6 अपराधियो के खिलाफ गैंगेस्टर के तहत मुकदमा दर्ज कर पूरी रात सभी गैंगेस्टर में निरुद्ध अपराधियो की गिरप्तारी करने और अपना गुड वर्क आला अधिकारियो को दिखाने के लिए लग गयी दबिश देने में. चार अपराधियो राम सिंह, मिट्ठू राजभर, प्रदीप राजभर व शेरु राजभर को गिरप्तार कर लिया गया। पुरे गुड वर्क का तमगा लेने की तेयारी पूरी हो चुकी थी. मगर अचानक ही उनके इस खुशियों पर लगभग ब्रेक लग गई जब गैंगेस्टर में नामजद पांचवे अपराधी “”लालबहादुर राजभर”” निवासी चुप्पेपुर थाना शिवपुर के यहा पुलिस पहुँची तो पता चला कि इसकी मौत 6 माह पहले ही हो चुकी है,
जब शिवपुर पुलिस को यह जानकारी हुई कि एक गैंगेस्टर का अपराधी लालबहादुर राजभर की मौत 6 माह पूर्व हो गयी तो वे परेशान हो गए। इसकी सूचना तत्काल कैन्ट क्षेत्राधिकारी राजकुमार यादव को गई. सूत्रों की माने तो क्षेत्राधिकारी द्वारा बात मैनेज करने का प्रयास जारी ही था कि यह खबर सूत्रों के खिडकियों के झरोखों से निकलती हुई मीडिया तक पहुच गई. मीडिया ने जब इस मुद्दे को उठाया तो तत्काल शिवपुर थानाध्यक्ष तारावती देवी मामले की लीपापोती में लगी है. डर है कि कहीं वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक व जिलाधिकारी को मामले की जानकारी न हो जाय।
अब सवाल यह उठता है कि जिस प्रकार बिना जांच के थानाध्यक्ष शिवपुर ने गैंगेस्टर की लिस्ट तैयार की है कही बकिया सभी भी जो निरुद्ध हुवे कही फर्जी तरीके से निरुद्ध तो नहीं किये गए है.हमने जब इस सम्बन्ध में थानाध्यक्ष शिवपुर तारावती देवी से बात की तो उनका जवाब बड़ा बेफिक्री वाला था कि अपराधी है सब कच्ची दारु बनाते और बेचते है उनके यहाँ छापा पड़ेगा. जब हमारे द्वारा लालबहादुर राजभर के सम्बन्ध में पूछा गया तो उन्होंने कहा जाँच चल रही है, अब बात ये न समझ आती है कि मैडम अब कौन सी जाँच कर रही है. या फिर इस गलती को मैनेज करने के लिए क्षेत्राधिकारी किसी कांस्टेबल की बलि चढ़ा कर थानाध्यक्ष शिवपुर को दुबारा बचा लेंगे.