साथ ही कोटेदार पर यह भी आरोप लगाया है की 6 माह के स्थान पर 1 माह का राशन आंशिक लोगों को गेंहू 2रु0 के स्थान पर 3 रु0 चावल 3 रु0 की वजाय 4 रु के दर से एक यूनिट पर 5किलो के स्थान पर मात्र 4 किलो ही दिया जा रहा है।वहीँ ग्रामीण जनता ने एक बात को बताते हुए ये भी खुलासा किया की कार्ड धारको द्वारा 6 माह का राशन माँगने पर कोटेदार द्वारा कहा जाता है की 5 माह का राशन बेच कर ग्राम प्रधान के साथ साथ सम्बंधित अधिकारियों को हिसा दे दिया गया है। फिर विवस हो कोटेदार की करतूतो से ऊब जनता एक बड़ा आंदोलन करने को बता रही है जिस की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।स्थानीय लोगो का कहना है की कोटे से मिलने वाली खाद्द सामग्री कभी मिल भी जाती है तो वो भी केवल 1/2 भाग।और कॉमेंट करने पर अभद्रता का व्यवहार कर भगा दिया जाता है। हमें हमारी सरकार द्वारा जो भी लाभ मिलता है वो सिर्फ अधिकारियों तथा कोटेदार तक ही सिमित रहता है।हमें राशन के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता।इस सन्दर्भ में अगर जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो पीड़ित जनता द्वारा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश,खाद्दान विभाग,जिलाधिकारी बलिया जैसे उच्च अधिकारियों को पत्र लिख उचित कारवाही की गुहार लगाने की बात कर रही है जिससे उचित कार्यवाही कर उस व्यक्ति के ऊपर मुकदमा दर्ज कर उसकी कोटे की दुकान निरस्थ कर किसी अच्छे व नेक व्यक्ति को दी जाय। जिससे गांव में मिल रही सरकारी धन का सही उपयोग हो और हम गरीबो की जीविका भी आसानी से चले।
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