संतकबीरनगर
जम्मू कश्मीर के उड़ी में हुई आतंकी हमले में संतकबीरनगर का भी एक जवान शहीद हो गया। जिले के उत्तरी सीमा पर स्थित घूरापाली का गणेश शंकर की मौत से सभी स्तब्ध है मगर उनके परिजन और इलाके के लोगों को इस बात का फख्र है कि उनका लाल देश के लिए शहीद हो गया और अब उसकी शहादत बेकार नहीं जायेगी। अभी शहीद का शव उसके गांव नहीं पहुंचा है उम्मीद है कि देर शाम तक पहुँच जायेगा।
आतंकियों की एक बार फिर भारत माता की छाती पर चोट पहुंचाने की कोशिश को देश के जाबांज जवानो ने नाकाम कर दिया मगर उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। भले ही परिवार ने अपना बेटा खोया बहन ने भाई और सुहागन ने अपना सुहाग लेकिन उन्हें फख्र है कि देश के सिपाही ने भारत माँ की छवि पर आंच नहीं आने दी। जिले के घूरापाली गाँव के बीएसएफ में तैनात जवान गणेश शंकर यादव की मौत की खबर जब मिली तो सभी सन्न रह गए लेकिन उन्हें गर्व है कि उनका लाल शहीद हो गया। पिता देवीदीन जो अब इस दुनिया में नहीं है उनकी दो पुत्रों में से अनुज पुत्र गणेश शंकर की एक महीने पहले 22 अगस्त को बंगाल से उरी में तैनाती हुई थी। उसके छोटे से परिवार में पत्नी और तीन बच्चे है। आखिरी नार दस दिन पहले उसकी गणेश से बात हुई थी जिसमे बहन की शादी की तैयारी के लिए दशहरे में आने की योजना थी। पत्नी गुड़िया को जब खबर मिली तो उसे अपना सुहाग उजड़ने से तकलीफ तो हुई पर उसने जो साहसिक कदम उठाया उससे साबित हो गया की वह वीर की पत्नी थी अपने सीने में उठे दर्द को छिपाते जो फैसला सुनाया वह उन वीरांगनाओं की याद दिलाता है कि जैसे आजादी की लड़ाई में हो रहा था। उसने अपने बेटे को सेना में भेजने का निर्णय सुनाया है ताकि गणेश के बचे हुए कामों को उसका बेटा पूरा कर सके। गुड़िया के इस निर्णय से सभी को फख्र है कि उनके इलाके ने सहादत का इतिहास लिखा है। गणेश की मौत से उत्तर प्रदेश सरकार भी दुखी है परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित सरकार ने बीस लाख रूपये की सहायता देने का निर्देश मुख्य मंत्री ने जिलाधिकारी को दिया है जिसे जल्द ही उनके खाते में भेजा जाएगा।