सर्जिकल स्ट्राइक सेना द्वारा किया जानेवाला एक हमला होता है, लेकिंन यह युद्ध नहीं है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह एक प्रकार की सर्जरी है जिसमे दुश्मन के इलाके में घुस कर उन्ही टारगेट पर हमला किया जाता है, और आतंकियों तथा घुसपैठ करने वालों को धर दबोचा जाता है। जहां से हमारे क्षेत्र में हमला या घुसपैठ की गयी है या बराबर होती रहती है। रिफ्लेक्स एक्शन तुरंत ही हमले की प्रतिक्रिया में जो जवाब दिया जाता है उसे कहते हैं।
हॉट परस्यूट , हमलावर को खदेड़ते हुए उसका पीछा करके हमला करने या पकड़ने को कहते हैं। पर लगातार पीछा करने में अंतराष्ट्रीय सीमा या एलओसी जब आती है तो वही इस उद्देश्य आड़े भी आ जाती है। यही वह रेखा है जहां सेना को रुकना पड़ता है। वह अपनी तरफ से कोई एडवेंचर नहीं करती क्यों कि इसके परिणाम दूरगामी हो सकते हैं। अब यह निर्णय सरकार का होता है। सर्जिकल ऑप्स इराक युद्ध में भी अमेरिका ने बम गिरा कर किया था। अमेरिका ने कारपेट बम वरसाये थे। कारपेट बम यानी बमों के धमाके से ज़मीन पर कालीन बिछा देना। ओसामा का मारना भी एक प्रकार की सर्जिकल स्ट्राइक है। पर यह और पिन पॉइंटेड एक्शन है। इसे कमांडो ऑप्स भी कहा जाता है।
इस हमले में सबसे अधिक ध्यान जहां से दर्द उठ रहा है, इलाज़ भी वहीँ का होता है। इस कार्यवाही में कोई सैनिक टारगेट नहीं होता है और न ही कोई सिविल आबादी। अगर सैनिक टारगेट को चुना गया तो वह यह एक प्रकार से युद्ध ही है। इसीलिए सेना आतंकी आकाओं को सेना के कैंप या सेना के पहरे में रखती है। 2003 में बग़दाद पर अमेरिका ने जो सर्जिकल बमबारी हवाई जहाज से की गयी थी वह नाम की तो सर्जिकल थी पर उस से बहुत ही नुकसान हुआ था। यह कार्यवाही बहुत धैर्य, संयम और चपलता की अपेक्षा रखती है। इस सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए किसी खास इलाके में किसी खास ठिकाने पर हमला बोलकर उसे ध्वस्त किया जाता है। सेना द्वारा इसके जरिए बड़े पैमाने पर बर्बादी को रोका जाता है और खास तरह से अटैक को डिजायन किया जाता है। सेना की इस कार्रवाई में जहां ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता है, नुकसान सिर्फ वहीं होता है। उसके आसपास सिविलियन इलाके को कोई हानि नहीं पहुंचती है। इससे पब्लिक प्लेस, आधारभूत संरचना, आवागमन के साधन या आम अवाम और उसके उपयोग के साधनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
इस स्ट्राइक के लिए पुख्ता सूचनाएं होना बहुत ज़रूरी होती है । उन सूचनाओं का एकत्रीकरण, फिर उनकी पुष्टि, फिर अभियान कैसे किया जाएगा और अभियान समाप्त कर के कैसे बिना अपना कोई नुक्सान किये कैसे सुरक्षित वापस लौटा जाएगा, इन सब विन्दुओं पर गहनता से विचार करने के बाद ही यह कार्यवाही की जाती हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान किसी इंफ्रास्ट्रक्चर या सुविल आबादी को नुकसान न पहुंचे यह भी सुनिश्चित किया जाता है । समय सीमा भी बहुत कम रखी जाती है । यह सर्जिकल स्ट्राइक विलम्ब से नहीं है, यह तो कमांडर पर निर्भर करता है कि वह कब , कहाँ, कैसे, और कितना प्रहार करेगा । यह सारी कार्यवाही बेहद गोपनीय होती है ।