प्रदर्शनी में जिलाधिकारी संजय कुमार द्वारा लद्दाख, कर्नाटक, गुजरात में खींचे गये टाइगर, हाथी, गैंडा, ब्लूशीप, नेवला के मूवमेंट की फोटो प्रदर्शनी में लगी थी। इस फोटो प्रदर्शनी में 200 से अधिक चित्रों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी 30 सितम्बर से 06 अक्टूबर तक थी। इस प्रदर्शनी को करीब 11 हजार विद्यार्थियों तथा 9 हजार से ज्यादा पर्यटकों ने देखा। इन तस्वीरों को विदेश से आये सैलानियों ने भी बहुत सराहा। प्रदर्शनी में एसियन एलिफैंट का परिवार, ब्लैक बक्स का जोड़ा तथा गेण्डा के विभिन्न प्रजातियां को लोगों ने बहुत सराहा। लद्दाख की ब्लूसीप तथा मारपोट का आपस में खेलना लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। टाइगर तथा पैथन फीडिंग के साथ लोगों ने सेल्फी लिया। माघ मेला में विभिन्न साधुओं के वेशभूषा तथा कृष्णलीला की तस्वीरों को लोगों ने बहुत सराहा। ब्लू टाइगर तितलियों तथा जेजबेल तितलियों को बच्चों ने जी भरकर देखा। इलाहाबाद शहर का एरियल व्यू को लोगों ने बहुत सराहा। प्रदर्शनी में 50 से ज्यादा प्रकार के पक्षियों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया इसके अलावा इलाहाबाद जनपद के माघ मेला व दार्शनिक स्थलों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया। इस फोटो में प्रदर्शनी का मूल उद्देश्य युवाओं व स्कूली बच्चों को प्रकृति से रूबरू कराना एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना है ताकि वे अपने गांव एवं शहर को पर्यावरण के प्रति संरक्षित कर सुन्दर बना सकें। जिलाधिकारी के प्रयास से तहसील मेजा के ग्राम चांद खम्हरिया में काले हिरण (ब्लैक बक) के संरक्षण के लिए 160 एकड़ ग्राम सभा की भूमि आरक्षित की गई है। फोटो प्रेमियों ने कहा कि जिलाधिकारी की फोटो प्रदर्शनी में अन्य प्रदेशों की संस्कृतियांे देखने को मिल रही है। कलाकार की कला संवेदनशील होती है जो लोगो को प्रकृति के करीब ले आती है। कला प्रेमियों ने कहा कि पक्षियों, जानवरों और प्रकृति के चित्रों को बड़ी सहजता से दिखाया गया है। महाराष्ट्र से आये उत्कर्ष पाटिल ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा खींची गई तस्वीरों से संस्कृति, सौंदर्य तथा जन्तुओं के विभिन्न पहलुओं के दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि यह तस्वीरे सजीव हैं तथा नये फोटोग्राफरों को इस क्षेत्र में प्रोत्साहित करेंगी। डीएम संजय कुमार वर्ष 2002 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। यह 10 जिलों में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत रहे हैं। इनका पर्यावरण के प्रति विशेष जुड़ाव रहा है। इन्हें हरित पट्टी नम भूमि के संरक्षण के क्षेत्र में किये गये विशेष कार्य के लिए मा. मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया गया है। वर्ष 2014 में मुरादाबाद, बरेली में रामगंगा नदी के संरक्षण के क्षेत्र में डब्लू.डब्लू.एफ. और एच.एस.बी.सी. द्वारा वाटर चैम्पियन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। रोहित सूरी ने कार्यशाला में बच्चों को प्रशिक्षण दिया। प्राकृतिक तस्वीरों के अलावा अपर्णा आईपीएस द्वारा खिंची गई बर्फीली चोटियों की तस्वीरों ने सभी का मन मोहा।
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