बैठक में कार्यकर्ताओं की राय पर राष्ट्रीय नेतृत्व यह तय करेगा कि कौमी एकता दल का सपा के साथ क्या राजनैतिक सफर रहेगा। सारा दारोमदार कौमी एकता दल के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर निर्भर करता है। जिले सहित पूरे प्रदेश से पदाधिकारियों व कार्यकर्ता हजारों की संख्या में लखनऊ कौमी एकता दल के मुख्यालय पर शुक्रवार को पहुंच रहे है। ज्ञातव्य है कि 21 जून को पूर्व लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव ने प्रेसवार्ता कर अंसारी बंधुओं की कौमी एकता दल का सपा में विलय का घोषणा किया। लेकिन चाचा-भतीजा के लड़ाई में 25 जून को सपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने इस विलय को रद्द कर दिया था। इसके बाद सपा में आये ज्वार-भाटा में शिवपाल यादव पुन: पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये। प्रदेश अध्यक्ष बनते ही शिवपाल यादव ने पुन: सपा सुप्रीमो की मंशा पर अंसारी बंधुओं को पार्टी में लेने की घोषणा कर दी। इसके बाद मुलायम सिंह के पहल पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस सुझाव को मान लिया है। अब देखना यह है कि नवरात्र के अवसर पर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह साईकिल की शक्ति अंसारी बंधुओं को प्रदान कर देंगे।
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