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बिना इलाज फतेहपुर जिला अस्पताल में तड़पता मरीज़ |
आफताब फारुकी.
फतेहपुर. प्रदेश सरकार के मुखिया भले ही चिकित्सा व्यवस्था के लिए जितने भी दावे कर ले मगर धरती के चलते फिरते भगवान इन चिकित्सको की कार्यशैली हमेशा ही प्रदेश सरकार के क्रियाकलापों पर सवालिया निशान लगाती है. उस पर ये कि यदि कोई आम जन अपने अधिकारों हेतु इन धरती के भगवानो से उलझे तो तत्काल मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के साथ हड़ताल की धमकी. सरकारी चिकित्सक तो अब गज़ब ही ढानेलगे है.बिना सुविधा शुल्क के सरकारी अस्पताल में उचित चिकित्सा संभव ही प्रतीत होती है. ताज़ा मामला फतेहपुर जनपद के जिला चिकित्सालय का सामने आया है.
दिनेश पुत्र रामजियावन और सोनू पुत्र धर्मपाल जो बुढ़नपुर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर घोस के पास सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया. परिजनों और राहगीरों ने पास के अस्पताल में उसको इलाज हेतु ले गए जहा हालत गंभीर होने के कारण घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.
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इस गरीब को बिस्तर तक न उपलब्ध हुआ और ज़मीन में ही पड़ा रहा |
परिजन जब घायलों को जिला अस्पताल लेकर पहुचे तो वहा भी उनको बेड न होने का बहाना बना कर भर्ती नहीं किया गया. परिजनों के आरोपों को आधार माने तो उनसे सुविधा शुल्क की भी मांग की गई. जब परिजनों ने इस सम्बन्ध में हंगामा शुरू किया तो चिकित्सको ने कहा कि हालत अधिक गंभीर है और हम भर्ती नहीं कर सकते है.अब सवाल यह उठता है कि धरती के ये चलते फिरते भगवान क्या खुद को सच में भगवान समझ बैठे है जो गंभीर स्थिति में ज़िन्दगी और मौत से लड़ रहे इंसान का इलाज तक शुरू नहीं किया और पहले ही हाथ खड़ा कर दिया है.