यशपाल सिंह. आजमगढ़.
वह समय ही अलग था जब एकलव्य ने अपने गुरु के दक्षिणा मांगने पर अपना अंगूठा काट कर रख दिया था. आज के छात्र तो उलटे गुरु का अंगूठा क्या हाथ ही काट ले. उस पर अगर बाप पॉवर में हो तो क्या कहना. इसकी एक बानगी यहाँ देखने को मिली. जब एक अधिवक्ता के पुत्र ने अपने गुरु से अभद्रता ही नहीं की बल्कि उनको कई थप्पड़ जड़ दिए.
पीड़ित पक्ष के बयान और सूत्रों से प्राप्त सुचना के अनुसार घटना कुछ इस प्रकार है कि बीते गुरुवार को प्रार्थना के समय विद्यालय में अनुशासनहीनता करने पर अध्यापक द्वारा एक छात्र को डांटने से नाराज छात्र द्वारा ऐसा दुस्साहसिक कदम शनिवार को उठाया गया जिसने गुरु और शिष्य के रिश्ते को दागदार कर दिया। बदले में छात्र की शिकायत अध्यापक द्वारा प्रधानाचार्य से करने पर भी छात्र के खिलाफ कोई कार्यवाही न करने पर विद्यालय के सभी छात्र अध्यापक के पक्ष में प्रधानाचार्य के खिलाफ एकजुट होकर उग्र हो गये और विद्यालय में जमकर तोड़फोड़ की और प्रधानाचार्य की बाइक क्षतिग्रस्त कर दिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने उग्र छात्रों को विद्यालय से बाहर खदेड़ दिया।
मिली जानकारी के अनुसार मुबारकपुर कस्बे के पुरादुल्हन निवासी मुहम्मद अलतमश पुरा रानी स्थित एहयाउल ओलूम हायर सेकेन्ड्री स्कूल में कक्षा 10 का छात्र है। उसके पिता शब्बीर अहमद एडवोकेट इसी विद्यालय की प्रबन्ध समिति में वरिष्ठ सदस्य हैं। शायद बाप के पद का दुरूपयोग हो या फिर अत्यधिक लाड प्यार का नतीजा या फिर मनबढ़ मिजाज़ कि गुरुवार को प्रार्थना के समय अलतमश द्वारा कुछ अनुशासनहीनता की गयी जिसे देखकर प्रार्थना सभा में उपस्थित शिक्षक अरशद जमाल ने उसे डांट फटकार दिया। छठी घंटी में अध्यापक अरशद जमाल जैसे ही कक्षा 10 में सामाजिक विज्ञान पढ़ाने पहुंचे उक्त छात्र ने अप्रत्याशित ढंग से उठकर अध्यापक को जोरदार तमाचा जड़ दिया। इससे कक्षा में मौजूद सभी लोग सन्न रह गये। अध्यापक ने तत्काल इसकी शिकायत प्रधानाचार्य खालिद कमाल से की लेकिन प्रधानाचार्य द्वारा छात्र पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गयी क्योंकि उक्त छात्र प्रबन्ध समिति के वरिष्ठ सदस्य का पुत्र है। शनिवार को विद्यालय खुलते ही उपस्थित लगभग 11 सौ छात्र अध्यापक के साथ की गयी बदसलुकी के बाद भी प्रधानाचार्य द्वारा कोई कठोर कदम न उठाने के कारण सभी छात्रों ने प्रधानाचार्य कक्ष व विद्यालय में जमकर तोड़फोड़ कर डाली. प्रधानाचार्य द्वारा प्रबंध समिति की इस प्रकार की गई चाटुकारिता की सेवा का फल प्रधानाचार्य के बाइक को भुगतना पड़ा और उनकी बाइक को छात्रों ने क्षतिग्रस्त कर दिया. अपने ऊपर पड़ी तो प्रधानाचार्य को तत्काल प्रशासन की याद सता गई और उन्होंने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुची पुलिस ने उग्र हो चुके छात्रो को परिसर से बाहर खदेड़ा. इसके उपरांत प्रधानाचार्य ने माहोल बिगड़ता देख आरोपी छात्र को विद्यालय से निष्काषित कर दिया है.
पुलिस के अनुसार अभी तक किसी भी पक्ष से लिखित तहरीर नहीं पड़ी है. यदि को पक्ष शिकायत दर्ज करवाता है तो पुलिस कार्यवाही करेगी का पुराना पद चूका बयान स्थानीय थानेदार साहेब ने दे दिया. प्रश्न यह उठता है कि इस पुरे प्रकरण में आरोपी छात्र के पिता से वार्ता क्यों नहीं की गई. क्या प्रधानाचार्य से इस बात का जवाब माँगा गया कि शिकायत मिलने के बाद भी किसी प्रकार कि कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई.