मुहम्मदाबाद, यूसुफपुर स्थित मां महाकाली मन्दिर में हुई तोडफ़ोड़ व मां काली की पिंडियों को तोड़ देने के मामले में एक अभियुक्त को गिरफ्तार कर गुरूवार की सुबह कोतवाली में उसे पत्रकारों के समक्ष उसे पेश किया। जहां उसने अपने दो अन्य साथियों के साथ घटना को अंजाम देना स्वीकार किया।
स्थानान्तरित प्रभारी नीरिक्षक केके मिश्रा के निर्देशन में प्रभारी कोतवाल श्रीप्रकाश त्रिपाठी, हमराही रघुवंश राय व अमरनाथ साहनी के साथ बिती रात 12:45 बजे सलेमपुर तिराहे से दाउदपुर निवासी राजन उर्फ बदरे आलम पुत्र तौहीद निवासी दाउदपुर को पकड़ा एवं उसके पास से मां काली मन्दिर का पंखा एवं पीतल की कटोरी जिसपर मां काली की आंख बनी हुई थी। बरामद किया। जिसे वह बेचने के लिये लेकर कहीं जा रहा था। पूछताछ में गिरफ्तार युवक ने पुलिस को मन्दिर में तोडफ़ोड़ की घटना में शरीक होना स्वीकार किया और बताया की घटना के दिन मलिकपुरा निवासी बिट्टु पुत्र शमसुद्दीन मुझे बुलाकर मठिया पर ले गये और काली मन्दिर में चोरी की योजना बनाकर मुझे तथा एक अन्य युवक को साथ लेकर रात्रि में 8 बजे काली मन्दिर पर आया। परन्तु उस समय मन्दिर में तीन—चार महिलाएं थी। उनके जाने के बाद रात्रि 10:30 बजे बिट्टू ने मन्दिर में तोडफ़ोड़ शुरू किया। घंटा, पंखा आदि तोडऩे के बाद उसने पिंडियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। उसके बाद हम तीनो ने मिलकर मन्दिर के ऊपर की मूर्ति को तोडक़र जाते समय धान के खेत में लगे पानी में मूर्ति को फेंक दिया। पुलिस ने उक्त मामले का पर्दाफास करने के बाद अभियुक्त को जेल भेज दिया। पिछले 16 अक्टूबर की रात्रि में नगर का सौहार्द बिगाडऩे की मंशा से असमाजिक तत्वों ने यूसुफपुर मां महाकाली मंदिर में तोडफ़ोड़ व पिण्डियो को क्षतिग्रस्त कर दिया था। जिसके बाद काफी बवाल मचा था। घटना स्थल पर पहुंचकर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने तीन दिन के अन्दर अभियुक्तों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया था। दोनो पक्षों के लोगों की सुझबुझ एवं पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की सतर्कता से नगर का माहौल बिगाडऩे की शाजिस नाकाम हो गई थी।