अन्जनी राय/संजय ठाकुर
मऊ : वाराणसी से गोरखपुर के बीच में प्रस्तावित फोर लेन अभी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में उलझा है। उधर प्रचलित राष्ट्रीय राजमार्ग की ऐसी दुर्दशा कि आवागमन दूभर हो गया है। घोसी नगर से दोहरीघाट के बीच सड़क के अनगिनत विशालकाय गड्ढे और आधी टूटी सड़क आए दिन मार्ग दुर्घटना का सबब बन रही है।
दिसंबर 2014 में इस सड़क की मरम्मत शुरू हुई तो बनने के तीसरे दिन ही कई स्थानों पर पिच बीच से ही फट गई। गिट्टी सड़क से लेकर पटरी तक फैल गई। इसके चलते प्रतिदिन दुपहिया वाहन दुर्घटना का शिकार होने लगे। इस बाबत मामला उठा तो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सहायक अभियंता मोहन सिंह के निर्देश पर ठेकेदार ने सड़क को खोद पिच हटाया। दोबारा बनी तो जुलाई 15 में फिर चीनी मिल से आगे सड़क टूटने लगी और बिखरी गिट्टी दुपहिया वाहनों के लिए दुर्घटना का सबब बनी। एक बार फिर हल्की बारिश क्या हुई, सड़क मरम्मत के दौरान किए गए मानक के दावों की कलई खुलने लगी। इस वर्ष मानसून पूर्व ही सड़क टूटने का क्रम जारी हुआ पर मरम्मत न होने के कारण हालत यह कि कहीं पूरी सड़क ही गड्ढे में तब्दील हो गई है तो शेष स्थान पर आधी सड़क पूरी तरह से टूट गई है या गड्ढे बन गए हैं। इसके चलते अब बड़े वाहन सड़क के क्षतिग्रस्त भाग से गुजरने की बजाय दूसरी ओर से निकलते हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका और बढ़ जाती है।घोसी नगर में चीनी मिल से लेकर इब्राहिमाबाद (गोंठा से आगे) तक समूचा राष्ट्रीय राजमार्ग वनवे हो गया है। इससे इतर गोंठा बाजार से गोंठा गांव के आगे तक तो हाल यह कि समूची सड़क गड्ढों से पटी है। इन स्थानों पर कब कोई दुपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाए या किसी बड़े वाहन की कमानी टूट जाए, कहा नहीं जा सकता है। सर्वाधिक बदतर हाल गोंठा गांव में पीली कोठी के समीप है। यहां सड़क के दोनों तरफ आवास हैं। पटरी न के बराबर होने से सड़क भी संकरी है। सड़क के बीचोबीच बीस फीट लंबा और सड़क की समूची सीमा तक चौड़ा गड्ढा है। इस मुख्य गड्ढा के दोनों तरफ भी छोटे जुड़वा गड्ढे हैं। कई बार यहां कमानी, एक्सल या बेयरिंग टूटने से बीच सड़क वाहन खडे हो चुके हैं, जिसके चलते घंटों जाम लग जाता है।