इस फर्जीवाड़े की जांच के लिए अहमदाबाद गई एक क्राइम ब्रांच टीम ने 24 साल के सागर उर्फ शैगी ठक्कर के खिलाफ पर्याप्त सबूत इक्ट्ठा कर लिया है जो इस स्कैम के पीछे का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है। शैगी की बहन रीमा ठक्कर और उसका दोस्त रचित भी इस मामले में उसकी मदद करने के आरोपी हैं।तीनों ही आरोपी फिलहाल अपने परिवार के साथ फरार हैं और इनकी लोकेशन ट्रेस करने पर पुलिस को पता चला है कि ये सभी लोग देश से बाहर हैं। इस मामले को देख रहे डीसीपी परागमानेरे ने बताया, ‘एक बार हमें इनकी लोकेशन का पक्का सबूत मिल जाए उसके बाद हम डिप्लोमैटिक तरीकों का इस्तेमाल करेंगे।’सूत्रों की मानें तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद गुजरात के कुछ संदिग्ध कॉल सेंटर्स ने सबूत मिटाने के इरादे से अपना डेटा डीलीट कर दिया। लिहाजा पुलिस इस पूरे मामले में सावधानी के साथ कदम उठा रही है। डीसीपी मानेरे ने बताया, ‘हम दिल्ली-एनसीआर, गुरुग्राम, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ कॉल सेंटरों पर फिलहाल नजर बनाए हुए हैं। अगर जरुरत पड़ी तो हम अपनी टीम भी वहां भेजेंगे।’
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