(आफताब फारुकी)
इलाहाबाद। लीवर में वसा का जमाव घातक होता है। यह स्थिति मोटापा, मधुमेह जैसी स्थितियों के कारण होती है। उक्त बाते शनिवार को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में पाचन तन्त्र पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डा0 शिव सरीन ने कही।
उन्होंने कहा कि हृदय सम्बन्धित बीमारियां भी पैदा करती है। इसका उपचार मुख्यतः खान-पान एवं व्यायाम के द्वारा ही होता है। इस बीमारी के लक्षण सामान्यतः बहुत ही मामूली होते है लेकिन जब लीवर खराब हो जाता है तो उस समय पेट में पानी भर जाता है तथा लीवर फेल होने के लक्षण आ जाते है। डाॅ0 सरीन का व्याख्यान, मोती लाल नेहरू मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के संस्थापक अध्यक्ष स्व0 श्री बी.एल. अग्रवाल स्मृति व्याख्यानमाला का अंश है।
मेदान्ता मेडिसिटी गुरूग्राम से आये डाॅ0 राजेश पुरी ने पैनक्रियाज की सड़न के बारे में व्याख्यान दिया। जिसमें उन्होंने यह अवगत कराया कि पैनक्रियाटिक नेक्रोसिस का उपचार पहले शल्य क्रिया द्वारा ही संभव था लेकिन आजकल इसका इलाज दुरबीन विधि द्वारा बिना पेट खोले भी संभव है।
प्रो0 (डा0) विवेक सारस्वत ने हेपाटाइटिस सी की बीमारी से देश व प्रदेश में भयावह स्थिति पर प्रकाश डाला, तथा यह बताया कि हेपाटाइटिस सी से ग्रसित मरीज की स्क्रीनिंग लीवर फेल होने से पहले करके इलाज करें तो संभवतः 2030 तक हेपाटाईटिस सी को काफी हद तक का कम कर सकते है।
उक्त गोष्ठी इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन द्वारा शनिवार की शाम आयोजित चिकित्सा विज्ञान की गोष्ठी का शुभारम्भ मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज इलाहाबाद के प्रीतम दास प्रेक्षागृह में हुआ। इस गोष्ठी की विषय वस्तु गैस्ट्रोएण्टेरोलाॅजी (पाचन तन्त्र) पर आधारित है। हमारा सूत्र वाक्य (गैस्ट्रोएण्टेरोलाॅजी 2016 एवं भविष्य में) है। हम इस क्षेत्र में हुए वर्तमान एवं भविष्य में होने वाले विकास पर चर्चा करेंगे।
मुख्य अतिथि पद्मभूषण डा. शिव सरीन ने द्वीप प्रज्जवलित कर गोष्ठी का उद्घाटन किया। अध्यक्ष डाॅ0 आलोक मिश्रा ने सभी डाक्टरो का स्वागत किया, सचिव डाॅ0 त्रिभुवन सिंह ने वार्षिक रीपोर्ट पढी। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 व्यंजना पाण्डेय ने किया। सम्मानित अतिथियों में डा0 एस के प्रताप प्ळ जोन, इलाहाबाद, डा. अशोक अग्रवाल, डा0 एस पी मिश्र मौजूद थें।