Categories: Crime

डीआरडीए बाबू के आगे आयुक्त ग्राम्य विकास भी बौने, 2012 में गई इनके खिलाफ रिपोर्ट, नहीं हुई आज तक कार्यवाही

अखिलेश सैनी बलिया

मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी की भेजी रिपोर्ट ठंडे बस्ते में

बलिया. बलिया जनपद का ग्राम्य विकास अभिकरण कालिख की कोठरी के नाम से मशहूर हो चूका है । सूत्रों की माने तो सांसद विधायक और मंत्री गणों की निधि का यही से वितरण होने के कारण इस विभाग के बाबुओं का इन नेताओं से सीधा कनेक्शन रहने के कारण पटल बाबू अपने अधिकारियो से भी नहीं डरते है बल्कि अधिकारियो द्वारा पेंच कसने पर पहले अपने हड़काते है और इससे काम न बनने पर अपने आका राजनेताओ से धमकी दिलवाते है । अपनी उच्ची राजनैतिक पकड़ के कारण अपने खिलाफ भेजी गयी किसी भी रिपोर्ट को आयुक्त कार्यालय में ही दबवा देते है । इन बाबुओं के खिलाफ समय समय पर कई शिकायते आयी ,उनकी रिपोर्ट शासन तक गयी पर करवाई कुछ नहीं हुई । जाँच में दोषी पाये जाने के बावजूद इनके खिलाफ करवाई न होने से ये उन्मुक्त तरीके से शायद स्वहित लाभ में लगे है। डीआरडीए बलिया के लेखाकार हरेराम कुमार और सहायक लेखाकार बीरेंद्र राम के खिलाफ पत्रांक 1242/लेखा/2012-13/इ आ दिनांक 26 सितंबर 2012 के द्वारा स्पष्ट रूप से आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग 10वा तल जवाहर भवन लखनऊ को भेजे गये पत्र में इन दोनों द्वारा इंदिरा आवास वितरण में की गयी धांधलियों की जाँच रिपोर्ट भेजे जाने के बाद आज तक आयुक्त द्वारा कोई भी कार्यवाई न होने से यह साबित हो रहा है कि इन बाबुओं के आगे आयुक्त भी बौने है ।मुख्य वित्त और लेखाधिकारी द्वारा अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि इन लोगो ने आवंटन में जमकर धोखाघड़ी की है । इन लोगो ने एक ही व्यक्ति/महिला को दो दो बार कभी पति का नाम बदलकर तो कभी भिन्न भिन्न बैंकों के अलग अलग खातों में भुगतान कराकर आवास आवंटित कराने का काम किया है । हरेराम कुमार ने वित्तीय वर्ष 2011-12में विकास खंड हनुमानगंज में लक्ष्य 697 के बदले 744 , पंदह में 589 के बदले 696 आवासों का आवंटन कराये है जबकि सहायक लेखाकार बीरेंद्र राम ने विकास खंड रसड़ा में लक्ष्य 806 के सापेक्ष 1386 ,सीयर में 976 के सापेक्ष 1834 ,और रेवती विकास खंड में लक्ष्य 615 के सापेक्ष 623 आवासों का आवंटन किया है । लक्ष्य से अधिक आवंटन न करने का शासनादेश होने के बावजूद ऐसे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अब तक कार्यवाही न होने से शासन की गरिमा आमजन के सामने घट रही । 19 सितंबर 2013 को इन दोनों के खिलाफ शासन को पत्र भेजा गया है । इसके अलावा 30 अप्रैल2013 को दीना नाथ गुप्ता उर्फ़ दीना भाई द्वारा प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास लखनऊ को प्रेषित शिकायती पत्र भी न जाने किस कूड़े की टोकरी में रखा है कहाँ नहीं जा सकता है । सूत्रों की माने तो डीआरडीए बलिया के बाबुओं ने अकूत धन संपदा एकत्रित कर ली है और इसी के बल पर आज तक अपने खिलाफ उठी हर शिकायत को दबाने का काम किये है ।बता दे कि डीआरडीए बलिया में तैनात बाबुओं की फ़ौज लगभग तीन दशकों से जमी रहकर शासन के स्थानांतरण नीति की धज्जिया उड़ाते हुए मुंह चिढ़ा रही है , लेकिन शासन में इनकी  राजनैतिक पहुँच के चलते इनको हटाने की कूबत नहीं दिख रही है ।
pnn24.in

Recent Posts

कैलाश गहलोत के इस्तीफे पर बोले संजय सिंह ‘मोदी वाशिंग पाउडर की देन, उनके पास भाजपा ने जाने के अलावा कोई रास्ता बचा नहीं था’

आदिल अहमद डेस्क: कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी से इस्तीफ़ा देने पर राज्यसभा सांसद…

19 hours ago

रुस ने युक्रेन पर किया अब तक का सबसे बड़ा हमला, रुसी मिसाइलो और ड्रोन से दहला युक्रेन

आफताब फारुकी डेस्क: बीती रात रूस ने यूक्रेन की कई जगहों पर कई मिसाइलों और…

19 hours ago

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिया अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा

तारिक खान डेस्क: दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद और आम…

19 hours ago

मणिपुर हिंसा पर बोले कांग्रेस अध्यक्ष खड्गे ‘मणिपुर न तो एक है और न सेफ है’

फारुख हुसैन डेस्क: मणिपुर में शनिवार को हुई हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने…

19 hours ago