रिगवन गांव के ईश्वर के घर खुशी का माहौल था। घर के सभी सदस्य व रिश्तेदार परिवार के नए सदस्य की आगवानी करने में व्यस्त थे। दिन बीता शाम हुई और अभी रेखा सभी से मिल भी नहीं पाई थी कि रात में उसके पेट में दर्द हुआ। परिवार वाले उसे मनियर पीएचसी ले जाने की तैयारी में लग गए। इसी बीच उसकी मौत हो गई। सुहागरात पर बहू के निधन से घर में हाहाकार मच गया। सभी सदस्य यह सोच कर स्तब्ध थे कि विधाता का यह कैसा निर्णय है। इधर घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई हालांकि रेखा के मायके वाले उसकी मौत स्वाभाविक मान रहे है।
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