30 नवम्बर को प्रदेश के लगभग 16 मुस्लिम संगठनो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रसिद्ध इस्लामी विद्धान डॉ.जाकिर नाइक के संस्थान
इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध को असवैधानिक और मूल अधिकारों का हनन करार दिया ।फोरम के सयोंजक कारी मुइनुदिन के अतिरिक्त जमाअते इस्लामी हिन्द के प्रदेश महासचिव मुहम्मद नाजीमुदिन ; सोशियल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ़ इण्डिया के प्रदेशाध्यक्ष हाफिज मंजूर अली ,वहदत -ए-इस्लामी के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद साजिद सहराई तथा दलित मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष अब्दुल लतीफ़ आरको ने सम्बोधित किया।
कॉन्फ्रेंस में ऑल इण्डिया मिल्ली काउन्सिल ,राजस्थान के मुहम्मद शौकत कुरैशी ,जमियत अहले हदीस के अब्दुल रहीम ,जमियत उलमा -ए-हिन्द के मुफ़्ती मुहम्मद शफीक ,एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स के प्रदेशाध्यक्ष पैकर फारुख एडवोकेट ,पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इण्डिया के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद खालिद मंजूर ,ऑल इण्डिया शेख़ जमियतुल अब्बास के अध्यक्ष इमामुदिन (ठेकेदार )मौलाना अब्दुल कलाम आजाद फाउंडेशन के अध्यक्ष हबीब गार्नेट ,स्टेडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाईजेशन ऑफ़ इण्डिया के प्रदेशाध्यक्ष शाहिद खान ,जामा मस्जिद जयपुर के अध्यक्ष नईमुदीन कुरैशी ,ऑल इण्डिया इमाम्स काउन्सिल के मोहम्मद मुर्तजा जावेद आदि उपस्थित थे ।सभी संगठनो ने प्रतिबंध को संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों की धारा 19,25 तथा 26 में दिए गए अधिकारों का हनन करार दिया ।संगठनो के पदाधिकारियो ने कहा ।की डॉ.नाईक ने कभी भी आंतकवाद को बढ़ावा नहीं दिया ।बल्कि उन्होंने अनेक अवसरों पर आतंकवाद की कड़ी आलोचना की है।यही नहीं वे किसी निर्दोष की हत्या को घोर पाप मानते हे ।पदाधिकारियो ने एक स्वर से डॉ .जाकिर नाईक पर लगाए गए सभी आरोपो को निराधार करार देते हुए सरकार से मांग की हे ।की इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर लगाये गए प्रतिबंध को तुरन्त प्रभाव से वापस लिया जाए ।यदि यह प्रतिबंध बरकरार रहा तो सभी संगठन ,अन्य न्याय प्रिय संगठनो के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगे ।