दूसरे तरफ देश की बड़ी आबादी किसान और मज़दूर है। जिनको इस नोट बंदी से भारी असुविधा हो रही है। लेकिन वो भी देशहित में सरकार के फैसले के साथ है। आईरा के सभी प्रदेश इकाई ने इस फैसले के प्रति लोगो में जागरूकता लाने का काम किया है।लेकिन सरकार से हमारी अपील हे की नोट वितरण के काम में और तेजी लाई जाय जिससे लोगो में इस फैसले के प्रति रोष न आये। इसके अलावा हमारा संगठन सरकार का ध्यान इस और भी लाना चाहता है की स्वस्थ लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता सबसे जरुरी है। ये तभी संभव हो सकेगा जब पत्रकार खुद को सुरक्षित महसूस करे। इस दिशा में में भारत सरकार से अनुरोध करूँगा की वो पत्रकार सुरक्षा कानून को पारित करे।जिससे की पत्रकार समाज हित में स्वत्रंत और निष्पक्ष लेखक कर सके।
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आफताब फारुकी डेस्क: स्पेन के उत्तर पूर्वी इलाके के ज़ारागोज़ा के नज़दीक एक केयर होम…
अबरार अहमद डेस्क: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने बताया है कि पीसीएस-प्री की…
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