उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी को गोविंद साहब मठ का रिसीवर नियुक्त कर दिया। दशक भर से अधिक समय से मेले की व्यवस्था साधु-संतों के बजाए मठ प्रशासन यानी रिसीवर के जिम्मे है बताया जाता है कि कुछ रिसीवरो को छोड़ दिया जाए तो किसी ने मठ की ओर ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण गोविंद साहब मठ की व्यवस्था बिगड़ती जा रही हैं। मठ के खाते में लगभग पचहत्तर लाख से अधिक की धनराशि पड़ी हुई है बावजूद इसके मठ प्रशासन द्वारा न तो मठ मंदिरों के जीर्णोद्धार की कोई व्यवस्था कराई जा रही है और न हीं जर्जर संत आश्रम एवं अन्य भवनों की ही मरम्मत कराई जा रही है। जिसके कारण लोगों में रोष होना स्वाभाविक है।
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