अखिलेश सैनी.
बलिया। कानपुर देहात से सटे पुखरायां रेल हादसे में अब तक बलिया जनपद के सात लोगों के मरने की पुष्टि बुधवार को तब हुई, जब सहतवार थाना क्षेत्र अंतर्गत मुड़ाडीह के दतौली गांव का एक परिवार रोते-बिलखते गांव पहुंचा। परिवार के मुखिया अपनी बेटी का हाथ पीला करवाने के लिए उसी के साथ गांव आ रहे थे, मगर पुखरायां (कानपुर) ट्रेन हादसे में दोनों की मौत हो गयी।
दतौली निवासी आनन्द सिंह (57) पुत्र स्व. बन्शीधर सिंह अपनी छोटी पुत्री नीलू (22), बड़ी बेटी नेहा (28) और उसके तीन साल के बेटे के साथ इन्दौर-राजेंद्रनगर एक्सप्रेस से सगाई कराने के लिए गांव आ रहे थे। 25 नवम्बर को नीलू की सगाई होनी थी।कानपुर देहात के पुखरायां के पास हुई ट्रेन दुर्घटना में बाप-बेटी दोनों की मौत हो गयी। हादसे में नेहा के तीन वर्ष के इकलौते बेटे को खरोंच तक नही आई, जबकि घायल नेहा का इलाज कानपुर में चल रहा है। नेहा के पति सत्येन्द्र सिंह का निधन चार माह पहले हो गया था। इसके चलते नेहा व उसका परिवार आनन्द सिंह पर ही आश्रित था। इन्दौर में प्राइवेट फैक्ट्री में काम करने वाले आनंद अपने परिवार के साथ वहीं रहते थे। 25 नवम्बर को बेटी नीलू की सगाई थी। इसीलिए वे अपने गांव आ रहे थे। परिवार के लोगों ने बाप-बेटी का अंतिम संस्कार करके बुधवार को गांव लौटे तो कोहराम मच गया।