प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 के नोट अचानक बंद किये जाने की घोषणा के बाद लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बैंक कर्मियों द्वारा ओवरटाइम काम किये जाने का सारा गुस्सा भोले भाले ग्रामीणों पर निकाला जा रहा है। सबसे ज्यादा मनमानी पर क़स्बा निघासन स्थित इलाहाबाद बैंक का गार्ड उतारू है। वह खुलेआम लोगों से अभद्रता करता है लेकिन सब कुछ जानते हुए भी कोई भी बैंक कर्मी उसे इस तरह के बर्ताव को मना नहीं कर रहें हैं ।
शासन द्वारा अचानक लिए गए इस निर्णय से लोगों को असुविधा न हो इसके लिए खुद प्रधानमंत्री और रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को तमाम दिशा निर्देश जारी किये गए हैं।लेकिन इन दिशा निर्देशों का बैंककर्मियों पर बिल्कुल भी असर नहीं दिखाई दे रहा है। इलाहाबाद बैंक में दो तीन दिन तो व्यवस्था ठीक ठाक चली लेकिन इधर फिर से लोगों की दिक्कत बढ़ायी जा रही है। चार चार घंटे आदमी लाईन में लगता है उसके बाद अचानक कैश ख़त्म होने की बात कहकर उसे बैंक से भगा दिया जाता है। इस बैंक का गार्ड सबसे ज्यादा लोगों को परेशान करता है।वह तीन बजे ही बैंक का गेट बंद कर लोगों को भगाना शुरू कर देता है।वह लोगों से अभद्रता करने से भी बाज नहीं आता। यहाँ तक कि वह महिलाओं और बुजुर्गों से भी बदतमीजी से बात करता है और धक्का देकर जबरन बैंक से बाहर निकाल देता है। जब कोई इसका विरोध करता है तो वह मारपीट पर आमादा हो जाता है। उसकी तानाशाही का शिकार हुए कई लोगों ने बताया कि वह पहले भी लोगों से सही ढंग से पेश नहीं आता था। लेकिन इधर तो वह पूरी तरह से अपनी मनमानी पर ही उतारू है। जिसे देखो उसे धक्का देकर बैंक से बाहर कर देता है जबकि अपने खास लोगों को गेट खोलकर तुरंत अंदर कर लेता है।