लेकिन अगर नगदी रखने की सीमा तय नहीं होगी तो फिर से काला धन इकट्ठा हो जाएगा. एसआईटी ने इसके लिए वित्त मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है. हालांकि इसमें अभी यह साफ नहीं है कि नगदी रखने की सीमा कितनी तय की जाए. वहीं बताया जा रहा है कि सरकार एक शख्स को 15 लाख रूपए तक ही नगदी रखने की छूट देने का फैसला कर सकती है. इससे ज्यादा के लिए आयकर आयुक्त से अनुमति लेनी होगी. एसआटी ने सरकार से कहा है कि इनकम टैक्स और वित्तीय खुफिया विभाग को साफ निर्देश दे दिए जाएं कि किसी शख्स के खाते में अगर कुछ भी गड़बड़ पैसा जमा किया जा रहा है तो इसकी तुरंत जांच की जाए.
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