जावेद अंसारी की कलम से
मायावती ने पत्रकारों से कहा, भाजपा में इतने कुख्यात गुंडे हैं कि उनके नाम गिनाने लग जाऊं तो, शुरुआत गुजरात से होती है, अमित शाह जो दावे कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में भाजपा में आपराधिक तत्व, गुंडे, बदमाश और माफिया हैं,
उन्होंने हाल ही में सपा में विलय करने वाले कौमी एकता दल के मुख्तार अंसारी, अफजल अंसारी, माफिया अतीक अहमद और आजम खां का नाम लिया तो बसपा में नसीमुद्दीन सिद्दीकी का नाम लिया था, शाह ने यह भी दावा किया था कि भाजपा में एक भी गुंडा नहीं है और यह गुंडों की पार्टी नहीं है, शाह पर हमला जारी रखते हुए मायावती ने कहा कि अत्यंत पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड और पूर्वांचल तथा उत्तर प्रदेश के गरीब असहाय लोगों को मारुति कार नहीं बल्कि रोजी रोटी के अवसर एवं स्थानीय स्तर पर रोजगार चाहिए, वहीं रविवार को राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी भरे लहजे में उन्होंने कहा कि वह अपनी हरकतों से बाज आए, राजनाथ सिंह ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, कहा, सपा-बसपा की मिलीभगत ने प्रदेश का विकास रोक दिया है, भाई और बहनों कसम खाइए अबकी बार भाजपा सरकार, फिर देखिए छह महीने में भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश का कितना विकास करती है, भाजपा का वादा है कि बहन-बेटी की आन-बान-शान पर आंच नहीं आने देगी, किसी को गुंडों के डर से पलायन नहीं करना पड़ेगा, कानून-व्यवस्था का राज होगा, हर व्यक्ति को सुरक्षा मिलेगी, उन्होंने कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं आएगी तब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
ये थे बड़े चेहरे लेकिन भीड़ नही
झांसी के कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, ओम माथुर, कलराज मिश्र, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और एस.पी. बघेल जैसे बड़े नेता मौजूद थे, शाह ने खुद परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाई, भाजपा नेताओं ने सपा सरकार पर जमकर हमला बोला लेकिन कार्यक्रम में भीड़ नही थी,मायावती ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के दौरान जनता से किए अपने वादे पूरे किए होते तो आज उनकी पार्टी को यूपी में परिवर्तन यात्राएं निकालने की जरूरत नहीं पड़ती, मायावती ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि 2017 में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनवायें, बसपा सरकार में ही सभी वर्गों का हित सुरक्षित है,
उन्होंने कहा कि झांसी में भाजपा की परिवर्तन यात्रा में दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री भाड़े की भीड़ लेकर आए थे,मायावती ने सपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वर्चस्व की लड़ाई से वक्त निकालें और यूपी में ध्वस्त कानून व्यवस्था पर ध्यान दें, कहा कि समाजवादी रथयात्रा केवल पॉलिटिकल ड्रामेबाजी है, पहले ललितपुर में होना था कार्यक्रम, इसके पीछे नेताओं का तर्क था कि देवगढ़ तक आने वाला रास्ता खराब है और रेल मार्ग है ही नहीं,जिसके बाद तय हुआ कि कार्यक्रम झांसी में कराया जाए, भाजपा ने करीब एक लाख लोगों के आने का दावा किया था हालांकि कार्यक्रम स्थल पर मुश्किल से 7या 8हजार लोग ही नजर आए, मायावती ने कहा , बसपा को किसी सहारे की जरूरत नहीं है, सहारे की जरूरत कमजोर को होती है, मायावती ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने लोकसभा चुनाव के समय जो वाये किए थे, उसका एक तिहाई भी पूरा किया होता तो परिवर्तन यात्रा निकालने का ‘ड्रामा’ नहीं करना पड़ता, इसी तरह सपा ने यदि प्रदेश का विकास किया होता तो विकास यात्रा निकालने की खोखली नाटकबाजी नहीं करनी पड़ती, उन्होंने दावा किया कि सपा में चल रही बर्चस्व की लड़ाई का असर चुनावों पर पड़ेगा और शिवपाल यादव एवं अखिलेश यादव के खेमे एक-दूसरे को हराएंगे, सर्व समाज खासकर मुस्लिम समाज को यह बात मालूम हो चुकी है कि सपा की पारिवारिक कलह की वजह से उसका वोट बैंक धसक गया है, बताते चले की 2012 में मात्र 7 सीटों पर खिला था कमल बुंदेलखंड के 7 और कानपुर जोन के 6 जिलों की 52 सीटों पर 15 फीसदी दलित और 55 प्रतिशत बैकवर्ड मतदाता हैं। 2012 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा इन 52 सीटों में सिर्फ 7 सीटें ही जीत पाई थी। 70 फीसदी दलित और बैकवर्ड बाहुल्य सीटों पर कमल खिलाने के लिए भाजपा ने जातिगत आंकड़ों के तहत इन तीन दिग्गज नेताओं को लगाया है।