सीएम और डीएम के आदेश रद्दी की टोकरी में ,बिजली की भीषण कटौती, प्रदेश सरकार का वादा साबित हुआ हवा 22 घण्टे बिजली देने का वादा
यशपाल सिंह
आजमगढ़ : ज़िले की सब से घनी आबादी बुनकर बाहुल्य क्षेत्र रेशम नगरी मुबारकपुर को इन दिनों भुखमरी के कगार पर खड़ा करने के लिए बिजली विभाग ने कमर कस लिया है। जिलाधिकारी के आदेशों को मोटरी बनाकर खूंटी पर टांग दिया है जिसका जीता जागता उधाहरण कटौती मुक्त पुरे जनपद व मुबारकपुर को रखा गया है लेकिन बिजली के नाम पर मात्र 10 से 12 घण्टे बिजली की आपूर्ति की जा रही हैं वह भी आँख मिचौली साबित हो रही है।
नगर में प्रति दिन सुबह 6 बजे से आठ तक कटौती, 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक कटौती, शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक कटौती हो रही है और तो और बीच बीच में भी भारी कटौती होती रहती है यह सिलसिला एक माह से चल रहा है जिससे लोगों में भारी नाराज़गी है और तो और डाला छ्ठ पर भी दिन में भारी कटौती रही जिससे लोगों में गुस्सा दिखा कि पर्व के भीं दिन बिजली गायब रही
ज्ञात हो कि नगर व देहात में बुनकरों व किसानों की रोज़ी रोटी बिजली पर ही निर्भर है वर्तमान समय में खेतों में रवि की फसलों की बुवाई के लिए पलेवा कार्य शुरू हो चूका है साथ ही साथ बुनकरों की रेशमी साड़ियों की बनाई का कार्य ठप हो गया है बिजली की मनमानी आपूर्ति के चलते क्षेत्र के अन्य भी कारोबार ठप पड़े हैं सपा मुखिया मुलायम सिंह और वह मुख्यमंत्री बुनकरों व किसानों के लिए विकास का गंगा बहाना चाहते हैं तो वहीं सरकार की मनसा का पलीता लगाने में लगे हुए है।
मुबारकपुर बिजली केंद्र पर दो फिटर के माध्यम से बिजली संचालन की जाती है जिसमें टाउन व देहात को सप्लाई दी जाती है । वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक हफ्ता पहले अपने आदेशों में साफ़ साफ़ कहा था कि शहर को 24 घंटे, नगर को 22 घण्टे व ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घण्टे बिजली दी जायेगी वहीं गत दो दिन पूर्व ज़िले के आला अफसरों द्वारा बिजली विभाग की बैठक कर आदेश पारित किया गया कि सरकार के मंशाओ के अनुसार बिजली नगर व देहातों में दिया जाये लेकिन यह हकीकत मुबारकपुर क्षेत्र के सरकार की योजना का कोशो दूर कोई फरमान ज़मीन और बिजली विभाग पर दिखाई नहीं दे रहा है।