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एनडीटीवी पर प्रतिबंध, लोकतंत्र पर भारी हमला : लालू प्रसाद यादव

मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता –  शिवपाल

अखिलेश आपने हमें तलवार भेंट की उसका इस्तेमाल भी हम करेंगे – लालू यादव

(जावेद अंसारी की कलम से)
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के 25 साल पूरे होने के मौके पर रजत जयंती समारोह चल रहा था, समारोह की शुरूआत में लालू यादव मंच पर एक साथ  अखिलेश-शिवपाल को लेकर आए, अखिलेश और शिवपाल दोनों के हाथ में तलवार थी, लालू उन दोनों को मिलवाने की कोशिश कर रहे थे, वही चाचा शिवपाल के पैर अखिलेश ने छुए, उस वक्त मंच पर इनके साथ मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, एचडी देवगौड़ा, अजीत सिंह और अभय चौटाला मौजूद थे,

मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कैबिनेट से चाचा शिवपाल यादव सहित चार मंत्रियों को बर्खास्त कर चुके है, अखिलेश यादव ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है कि उनके हाथ में तलवार थमायी जाए और फिर कहा जाए कि वह उसे चलाए नही,समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में चाचा-भतीजे यानी शिवपाल यादव और अखिलेश यादव ने तल्खियां दूर होने का संदेश जरूर दिया लेकिन चाचा शिवपाल सिंह यादव का दर्द आज उनके भाषण में उतर आया और उन्होंने साफ किया कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते हैं,सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने कहा कि पार्टी में कुछ घुसपैठिये आ गये हैं मगर नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, पार्टी में अब भी बहुत लोग उपेक्षित हैं, चापलूस सरकार का मजा ले रहे हैं।(शिवपाल) मैं अखिलेश यादव और पूरे समाजवादियों से कहना चाहता हूं,

लखनऊ में समाजवादी पार्टी के 25 साल पूरे होने के मौक़े पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी मौजूद थे, मंच पर वह अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल यादव को मिलवाने की कोशिश में दिखाई दिए, इस मौके पर लालू प्रसाद यादव ने एनडीटीवी इंडिया पर लगाए गए प्रतिबंध की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह का प्रतिबंध लोकतंत्र पर भारी हमला हुआ है,  लालू यादव ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उस 56 इंच सीने का क्या मतलब जब आप इतने वक्त से जम्मू कश्मीर के हालात पर काबू नहीं कर पा रहे हैं, उधर बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने भी शनिवार को एक ट्वीट में एनडीटीवी पर लगे प्रतिबंध की निंदा करते हुए कहा कि बैन लगाना, मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना है, एनडीटीवी न्यूज चैनल पर केन्द्रीय सरकार ने 9 नवम्बर को जो एक दिन का प्रतिबंध लगाया है उसे कुछ लोग प्रेस की आजादी से जोड़कर देख रहे हैं, विपक्षी राजनीति दलों के नेताओं को तो नरेन्द्र मोदी की सरकार पर हमला करने का अवसर मिल गया है, चूंकि छोटे से छोटे नेता का बयान एनडीटीवी पर प्रसारित हो रहा है, इसलिए कोई भी नेता सरकार की आलोचना करने में पीछे नहीं है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या एनडीटीवी का बैन प्रेस की आजादी से जुड़ा है, एनडीटीवी के प्रबंधकों की शुरू से ही नरेन्द्र मोदी की सरकार से पटरी नहीं बैठी, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि एनडीटीवी देश सुरक्षा को ही खतरे में डाल दे,जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा कि मीडिया की आजादी को नियंत्रित करने का मौजूदा केंद्र सरकार का फैसला अभिव्यक्ति की आजादी का पूरी तरह से निरादर है, उन्होंने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र में चौथा खंभा माना जाता है और यह लोगों की आवाज और मुद्दों को उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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