मुरादाबाद/ठाकुरद्वारा- आम आदमी जहाँ पुलिस की छवि को लेकर परेशान और पुलिस से बात करने मे भी डर महसूस करता है वहीँ दूसरी और ठाकुरद्वारा मे नवागत कोतवाल रविन्द्र प्रताप सिंह ने पुलिस की छवि को बहुत हद तक बदलने का सार्थक प्रयास करते हुऐ इंसानियत और दया की अनूठी मिसाल पेश की है।
भारत सरकार द्वारा आनन-फानन मे पाँच सौ और हज़ार रूपये के नोट बन्द किये जाने के बाद बैंकों मे भारी भीड़ लगी हुई है ऐसे मे व्रद्ध महिलाए व व्रद्ध पुरुषों को परेशान हालत मे लम्बी-लम्बी कतारों मे खड़े होना पड़ रहा है। शुक्रवार को बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा ले रहे कोतवाली प्रभारी रविन्द्र प्रताप सिंह ने एक कमज़ोर व्रद्ध को मायूस बैठे देखा तो कोतवाल ने स्वम व्रद्ध के पास जाकर व्रद्ध की समस्या सुनी। व्रद्ध का कहना था कि उसके पास पाँच-पाँच सौ के महज़ दो नोट हैं और वह खर्च से परेशान है। कोतवाल ने व्रद्ध की समस्या का समाधान करते हुऐ अपनी जेब से सौ-सौ के नोट निकालकर व्रद्ध के नोट बदल दिए जिससे खुश होकर व्रद्ध कोतवाल को दुआऐं देते हुऐ अपने घर चला गया। उधर ऐसा ही एक अन्य मामला भी सामने आया है जिसमे व्रद्ध महिला नगर के पंजाब नेशनल बैंक शाखा पर लगी लम्बी कतार को देखकर बेहद परेशान हो गई और बहुत देर तक दुखी मन से बैंक के पास ही खड़ी रही बाद मे परेशान व्रद्धा कोतवाली के गेट पर आकर बैठ गई कोतवाल ने काफ़ी देर से बैठी इस व्रद्धा से बात की तो व्रद्धा ने बताया की उसके पास पाँच सौ रूपये का एक नोट है जिसे बाजार मे कोई दुकानदार नही ले रहा है जबकि उसे पैसों की सख्त ज़रूरत है व्रद्धा की बात सुनकर कोतवाल ने अपनी जेब से व्रद्धा का पाँच सौ का नोट बदलकर सौ सौ के पाँच नोट दे दिए। मायूस व्रद्धा भी कोतवाल को दुआऐं देती हुई देखी गई। कोतवाली प्रभारी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुऐ चिकित्सकों व मेडिकल स्टोर स्वामियों से अपील की है कि वह पाँच सौ का नोट लाने वाले रोगियों को बिना दवाई के न लौटाए। कोतवाली प्रभारी की इस कार्यप्रणाली की चारो और प्रशंसा हो रही है।