3. जब से कंपनियाँ गतिमान अवस्था में होती है | तो ये कंपनियाँ भारत सरकार को बहुत सारे टैक्स अदा करती है और इन में काम करने वाले लाखों कार्यकर्ता का TDS कट जाता है, तो सरकार उस समय इन पर कार्यवाही क्यूँ नहीं करती, ये धन कहाँ से आ रहा हैं ? 4. भारत सरकार व अन्य विभागों से इनको क्यूँ एवार्ड दिये जाते हैं ? 5. इन कम्पनियों पर प्रतिबन्ध के बाद निवेशकों का पैसा वापस करने के लिये तुरंत काउंटर क्यूँ नहीं बनाये जाते ? 6. सरकार का एक विभाग इनको लाइसेन्स देता है और दूसरा विभाग इसको प्रबन्धित कर देता है ? 7. जब सरकार इन कम्पनियों से टैक्स के रूप में बहुत सा धन ले चुकी होती है तो कम्पनी प्रक्रिया का खर्चे क्यूँ काट लेती है जैसे साहरा कम्पनी के 2 करोड़ रुपये वापस करने में 48 करोड़ रुपये खर्च कर दिये गये जो की जनता का धन था ? 8. इनमें से कुछ कंपनियाँ 20 साल 15 साल पुरानी थी उन पर भी कार्यवाही क्यूँ की गयी तब से सरकार क्या कर रही थी ?
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सरकार को जल्द से जल्द इस विषय में फैसला लेना चाहिए।
आज सिर्फ सरकार के कारण ही अरबो लोग बर्बाद हो गए है और सर्कार देलापमेंट की बात कर रही है अच्छे दिन का सपना दिखा रही है।