प्रशासन को इन्हें समझाने में पसीने छूट गए।रविवार को अवकाश का दिन होने के बावजूद सवेरे दस बजे तहसील परिसर में क्षेत्र भर की महिलाएं एकत्र होकर पहुंची। देखते-देखते महिलाओं की संख्या एक हजार से अधिक हो गई।महिलाएं अपने-अपने प्रार्थना पत्र के साथ प्रशासन से मांग करने लगी उनके ऋण को माफ कर दिए जाए। महिलाओं की इतनी संख्या देखकर प्रशासन सकते में आ गया। एसडीएम दुर्गा शंकर गुप्ता ने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया।उन्होंने महिलाओं से कहा कि ऋण माफी जैसी कोई योजना नही है,इसके बावजूद भी महिलाएं नही मानी। स्थिति काबू न होते देख एसडीएम को पुलिस को बुलाना पडा।पुलिस ने अपने अंदाजे में महिलाओं को खदेडना पडा। बता दें कि क्षेत्र मे बडी संख्या में समूह बने हुए है,इन्हें अपनी योजना के तहत विभिन्न बैंक और फाईनेस कम्पनियां ऋण देती और बाद में वसूल करती है। तहसील में आई महिलाओं का कहना है कि उन्हें ऋण देने में परेशानियां हो रही है। वसूली के दौरान उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
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